इस प्री-मॉनसून सीज़न में बेंगलुरु में असामान्य रूप से लंबा शुष्क दौर देखा गया है। जनवरी के पहले सप्ताह में हल्की बारिश थी और उसके बाद सूखा पड़ गया। पूरे दक्षिण भारत में मार्च और अप्रैल के दौरान सूखे की स्थिति देखी गई है। उपमंडलों में मौसमी कमी 70% से 90% तक है। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में मौसमी कमी 74% है। बेंगलुरू, शहरी और ग्रामीण दोनों में अब तक बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है। पड़ोसी चामराजनगर, चिकबल्लापुर, कोलार, मांड्या और मैसूरु का भी यही हाल है।
प्री-मानसून बारिश की उम्मीद: बारिश नहीं होने के कारण, तापमान 10 दिनों से ज्यादा समय से 30 डिग्री के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। 21 अप्रैल से लगातार पारा 37 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। इस अवधि के दौरान तापमान चार दिन 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और कई मौकों पर पार कर गया। 28 अप्रैल को अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। टेक सिटी बेंगलुरु के लिए अप्रैल रिकॉर्ड गर्म महीनों में से एक था। हालांकि, बेंगलुरु के लिए अब राहत की संभावना है, क्योंकि अगले सप्ताह प्री-मानसून बारिश शुरु होने की उम्मीद है।
कर्नाटक में नहीं हुई बारिश: प्री-मानसून प्रायद्वीपीय भारत ट्रफ़ पूरे सीज़न में अब तक शांत बना हुआ है। प्री-मानसून सीज़न की शुरुआत के बाद से इसकी सक्रियता और दोलन सबसे कम थी। मौसम इस सुविधा का केरल और तटीय कर्नाटक के हिस्से को हल्का लाभ मिला था। उत्तर और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में सबसे ज्यादा मौसम की मार पड़ी थी, इस क्षेत्र में छिटपुट भी बारिश नहीं हुई। हालांकि, जल्द ही सूखे का संकट खत्म होने की संभावना है।
इन दिनों होगी बारिश: तेलंगाना से केरल तक उत्तर-दक्षिण ट्रफ, एक अंतर्निहित चक्रवाती परिसंचरण(embedded cyclonic circulation) के साथ बहुत जल्द सक्रिय हो रहा है। दक्षिणी प्रायद्वीप(दक्षिण भारत) में अब किसी भी समय हल्की और छिटपुट बारिश शुरू हो जाएगी। अगले सप्ताह की शुरुआत में ट्रफ को पूरी तरह से नमी मिल जाएगी। 06 मई से ही बेंगलुरु शहर में हल्की छिटपुट बारिश शुरू हो सकती है। हालाँकि, 07 से 11 मई के बीच प्री-मानसून गतिविधि ज्यादा हो सकती है। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसके बाद 07 मई से पारा गिरेगा, फिर 11 और 12 मई को सुखद व अच्छे सप्ताहांत के आसार बनते दिख रहे हैं।