30 जुलाई को केरल में खराब मौसम की स्थिति के कारण चूरलमाला और मुंडाक्काई में विनाशकारी भूस्खलन हुआ था। इस त्रासदी ने लगभग 308 लोगों की जान ले ली है और लगभग 180 लोग अभी भी लापता हैं। खराब मौसम के कारण राहत और बचाव कार्य में बाधा आई। लगातार बारिश, निचले स्तर घने निचले बादलों और कम दृश्यता के कारण हवाई संचालन भी सीमित हो गया। वहीं, पहाड़ी इलाकों ने मौसम की स्थिति को और भी जटिल बना दिया। दिया। किसी भी संभावित बचे हुए जीवित व्यक्ति की खोज जारी है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों और सूँघने वाले कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है। मौसम की स्थिति में सुधार होगा, जिससे आपदा प्रबंधन एजेंसियों के लिए काम करना आसान होगा।
केरल में बारिश से राहत: केरल राज्य में पिछले एक सप्ताह के दौरान भारी बारिश हुई है। एक समय पर मानसून के दौरान सबसे ज्यादा कमी वाले राज्य को भारी बारिश के बाद राहत मिली, अब स्थिति सामान्य हो गई है। गौरतलब है, 04 अगस्त 2024 तक केरल में सामान्य 1374.9 मिमी के मुकाबले 1314.7 मिमी बारिश हुई है, जो औसत से केवल 4% कम है। अगले 5-6 दिनों तक राज्य में बारिश कम होने वाली है। यह बिना बारिश के दिन यानी शुष्क अवधि और भी बढ़ सकते हैं। क्योंकि दक्षिणी भाग कमजोर मानसून की ओर बढ़ रहे हैं।
आगे के दिनों में केरल का मौसम: दक्षिण गुजरात से केरल तक फैली तटवर्ती ट्रफ, जो सप्ताह भर की बारिश का मुख्य कारण थी, अब कमजोर हो रही है। कन्नूर, कोझिकोड और इडुक्की सहित तटीय क्षेत्र के उत्तरी हिस्सों में देर शाम और रात में मध्यम बारिश होगी। कल यह बारिश हल्की हो जाएगी। केरल के दक्षिणी हिस्से में बहुत कम बारिश होगी। वहीं, केरल के उत्तरी हिस्सों में भी स्थिति अगले दिन से और बेहतर हो जाएगी। हालांकि, पहले हुई भारी बारिश के कारण हुए कीचड़ और गाद की स्थिति और खराब नहीं होगी। बल्कि, इस सप्ताह के दौरान जहां भी जरूरत होगी, सभी जमीनी और हवाई परिचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए स्थितियों में सुधार हो सकता है।
फोटो क्रेडिट: PTI