अंततः पश्चिमी मैदानों में शीतकालीन बारिश की शुरुआत हो ही गई है। पिछले 24 घंटों के दौरान, पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा के अधिकाँश हिस्सों में हलकी से माध्यम बारिश दर्ज की गयी है। मंगलवार को 8:30 बजे से 24 घंटे की अवधि में अंबाला में 13 मिमी बारिश दर्ज की गई, करनाल 8 मिमी, पटियाला 7 मिमी, चंडीगढ़ 2 मिमी, पठानकोट 2 मिमी, कुरुक्षेत्र 2 मिमी, सिरसा 1.4 मिमी, और भटिंडा 1 मिमी।
ये वर्षा श्रेय, जम्मू-कश्मीर पर सक्रिय पश्चिमी विश्रब्ध को दिया जा सकता है जिसके प्रभाव से राजस्थान और इससे सटे पंजाब और हरियाणा पर हवाओं का चक्रवात बना हुआ है।
हालांकि दोनों प्रणालियां अब इस क्षेत्र से दूर जा रही हैं, लेकिन बुधवार को पंजाब और हरियाणा में कुछ और बारिश के लिए हालात अभी भी अनुकूल थे। चंडीगढ़, अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जिंद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकुला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, यमुनानगर, अमृतसर, बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, गुरदासपुर पर बारिश और गर्मी की संभावनाएं कम हैं। , होशियारपुर, जलंधर, कपूरथला, लुधियाना, मोगा, पठानकोट, पटियाला, रुपनगर, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, संगरूर, शाहिद भगत सिंह नगर और तरण तारण जिलों मरीन हलकी वर्षा दर्ज की गयी।
स्कीमेट मौसम के मुताबिक अब दोनों राज्यों में बारिश समाप्त हो जाएगी और शुष्क दिन अब वापसी आएंगे।
इन बारिश के चलते, न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी देखी गयी थी जबकि दिन के तापमान में वृद्धि हुई है। परन्तु अब, उत्तर-पश्चिमी हवाएं जो की ठंडी और शुष्क होती है, उनकी वापसी होगी जिसके चलते न्यूनतम तापमान में भी अब गिरावट देखी जाएगी।
हालांकि सिस्टम दूर चले जाएंगे लेकिन वायुमंडल में अभी भी आर्द्रता मौजूद होगी। और कम रात के तापमान के साथ, राज्यों के कई हिस्सों में हलकी से मध्यम कोहरे की उम्मीद कर सकते हैं। कुछ जगहें घना कोहरा भी देख सकतें हैं।
इसके साथ, हम कह सकते हैं कि धीरे-धीरे, सर्दियाँ अब उत्तरी भारत पर अपनी पकड़ को मजबूत करेंगी।
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