मौसम का रुख बदलते ही सुबह और शाम की ठंड में इजाफा होने लगा है, इस दौरान चलने वाली हवाएं भी अब धीरे धीरे सिहरन पैदा करने की ओर हैं। सोमवार को भी आसमान साफ रहा और सुबह अंचलों में कुहासे की स्थिति बनी। हालांकि दिन चढ़ने के साथ ही कुहासा भी छंट गया और सूरज का असर भी देखने को मिला।स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ठंड के दस्तक देने के साथ ही पूर्वांचल के पहाड़ी क्षेत्रों में कोहरा भी शुरू हो गया है। जबकि शाम होते ही ओस की बूंदें अपना असर भी दिखाने लगी हैं।
पखवारे भर के बाद शहरों और कस्बाें तक भी कोहरे का असर होने लगेगा। इसी के साथ पूर्वांचल में ठंड शुरू हो जाएगी और मार्च के पहले पखवारे तक असर दिखाती रहेगी। न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के करीब तक इस पखवारे आ चुका है वहीं अब आने वाले पखवारे में यह बीस डिग्री से कम हो जाएगा और अधिकतम पारा भी तीस डिग्री से कम हो जाएगा। हालांकि, 18 अक्टूबर को मौसम विभाग की ओर से बादलों की सक्रियता और बूंदाबांदी का अंदेशा जताया गया है।
मौसम का संधिकाल और गुलाबी जाड़ा शुरू होने की वजह से मौसमी बीमारियां भी इस समय खूब सिर उठाएंगी। ऐसे में लोगों को एहतियात सावधानी बरतने की जरूरत है। लोगों को सलाह दी जाती है मौसम के बदलते मिजाज के कारण हो रही बीमारियों से बचें।
आमतौर पर, नवंबर महीने के शुरुआत से ही तकरीबन पूरे देश में ठंड का असर दिखने लग जाता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार यानि साल 2019 में भी ठंड का यही पैटर्न रहेगा। नवंबर में हल्की ठंड की शुरुआत होने के बाद दूसरे सप्ताह तक ठंड रफ्तार पकड़ेगी और उसके बाद लोगों को कपकपी का अहसास कराएगी।
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