उत्तर भारत के मैदानी भागों और पूर्वी राज्यों में बीते कुछ सप्ताह से न्यूनतम तापमान काफी अधिक और दिन का तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है। इन भागों में तापमान नहीं गिरने का कारण है पश्चिमी विक्षोभों द्वारा पैदा किया गया व्यवधान। इसके अलावा उत्तर भारत के भागों पर इस समय चल रही हवा में दक्षिण पश्चिमी हवाएँ मिल रही हैं जो अपेक्षाकृत गर्म होती हैं। जबकि पूर्वी राज्यों में बंगाल की खाड़ी से पहुँच रही गर्म-आर्द्र हवाएँ वातावरण को ठंडा होने से रोक रही हैं।
उत्तर भारत के पास से एक के बाद एक गुज़र रहे पश्चिमी विक्षोभों के चलते दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों और पूर्वी भारत के भागों में ठंडी हवाओं के पहुँचने में मुख्य बाधा आ रही है। इसके चलते गंगा के मैदानी वाले भागों में बीते 2-3 हफ्तों से तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है। वर्तमान में उत्तर-पश्चिम भारत और पूर्वी राज्यों में लोगों को शिकायत है कि सुबह की सर्दी अभी भी नदारद है। हालांकि पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में आर्द्र हवाओं के चलते कोहरा देखने को मिल रहा है।
उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के भागों में इस समय न्यूनतम तापमान सामान्य से 5-6 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया जा रहा है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इन भागों में अगले 2 से 3 दिनों तक तापमान इसी स्तर पर बना रहेगा। वर्तमान मौसम में उल्लेखनीय बदलाव तभी देखने को मिलेगा जब जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय राज्यों के पास से कोई प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ गुजरे और इन भागों में अच्छी वर्षा और बर्फबारी दर्ज की जाए।
एक सशक्त पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद उत्तर के पहाड़ों पर हुई बारिश और बर्फबारी से गंगा के मैदानी वाले भागों पर सर्द हवाएँ पहुँचने लगती हैं, जिससे उत्तर पश्चिम भारत और पूर्वी राज्यों में सर्दियाँ बढ़ जाती हैं। लेकिन इस समय के मौसमी परिदृश्य से लगता है कि इन भागों में तेज़ सर्दी के लिए लोगों को अभी और प्रतीक्षा करनी होगी।
Image credit: newshence.com