दिसम्बर की शुरुआत से ही राजधानी दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा सहित अन्य मैदानी राज्यों में सर्दी में व्यापक उतार-चढ़ाव देखने को मिला। राजधानी में 3 बार न्यूनतम तापमान कभी 10 डिग्री से नीचे तो कभी ऊपर पहुंचा। पिछले 24 घण्टों के दौरान भी दिल्ली के सफदरजंग में 11 और पालम में 9 डिग्री रहा न्यूनतम तापमान।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जब हिमालयी राज्यों पर पश्चिमी विक्षोभ पहुंचता है तब उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएँ कम हो जाती हैं और पश्चिमी विक्षोभ के आगे निकल जाने पर ठंडी हवाएँ तेज़ हो जाती हैं। हवाओं में बदलाव के चलते मैदानी राज्यों में पारा ऊपर जाता है या कम होता है। पिछले दिनों कम अंतराल पर आए इस बदलाव की वजह यही रहा।
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इस समय जम्मू कश्मीर के पास बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल गया है इसके चलते हवाएँ तेज़ हो गई हैं। पहाड़ों से होकर आ रही इन ठंडी हवाओं का असर मैदानी राज्यों में पहुँचने लगा है जिसके चलते अगले 4-5 दिनों तक न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी। उत्तर भारत के मैदानी भागों के अलावा मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी पारा गिरेगा। गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
अनुमान है अमृतसर, लुधियाना, हिसार, कुरुक्षेत्र, करनाल, चंडीगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, जयपुर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और गाज़ियाबाद सहित सभी मैदानी भागों में इस दौरान रात और सुबह में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इन भागों में अगले 3-4 दिनों के बीच न्यूनतम तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी भागों से मध्य भारत तक 21 दिसम्बर से 10 जनवरी के बीच सबसे अधिक ठंडी पड़ती है। इस दौरान संभावना है कि पारा नीचे ही रहेगा और सर्दी भी बनी रहेगी।
Image credit: Rediff.com
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