उत्तर भारत के भागों में लगभग सभी क्षेत्र कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। उत्तर भारत के पहाड़ों से होकर मैदानी क्षेत्रों तक पहुँच रही बर्फीली हवाओं के प्रभाव से दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान तेज़ धूप के प्रभाव से तापमान में वृद्धि देखने को मिली है। दूसरी ओर पूर्वी और मध्य भारत में भी ठंडी हवाओं ने अपना प्रभाव जमाना शुरू कर दिया है और शीतलहर चलने लगी है।
इससे पहले तक मध्य भारत के ऊपर हवाओं में एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ था जिसके प्रभाव से ठंडी हवाएँ मध्य और पूर्वी भारत में नहीं पहुँच पा रही थीं। यह सिस्टम अब राजस्थान पर पहुँच गया है। परिणामतः पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट हुई है और कड़ाके की सर्दी ने डेरा जमा लिया है।
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ठंडी हवाओं के प्रभाव से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओड़ीशा के साथ-साथ उत्तरी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के भी के स्थानों पर न्यूनतम और अधिकतम तापमान में अच्छी गिरावट देखने को मिली है। गोरखपुर में पिछले 24 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 8 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री नीचे 21.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वाराणसी और इलाहाबाद में भी पारा सामान्य से नीचे रहा।
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इसी तरह से लखनऊ, पटना, रांची, जबलपुर, कटक सहित मध्य और पूर्वी भारत के अन्य हिस्सों में भी तापमान सामान्य से नीचे पहुँच गया है और कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। हालांकि सर्दी भले ही अपने चरम पर पहुँच गई है लेकिन दिन में खिली धूप इस सर्दी को मात दे रही है। इस बीच अनुमान है कि उत्तर भारत के पहाड़ों पर अगले 24 से 48 घंटों के दौरान बादल बन सकते हैं जिससे एक बार फिर से बर्फीली हवाएँ कमजोर होंगी और पारा सामान्य या सामान्य से ऊपर पहुँच जाएगा। हवाओं के कमजोर पड़ते ही धुंध, कुहासा और कोहरा बढ़ सकता है।
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