उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों पर इस समय एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंचा है जिसके चलते जम्मू-कश्मीर और उत्तरी हिमाचल प्रदेश तथा लद्दाख के कुछ भागों में बारिश का मौसम बना हुआ है। इस सिस्टम का प्रभाव इन भागों में 2 फरवरी तक रहेगा जिससे कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की वर्षा देखने को मिलेगी। पर्वतीय राज्यों में कहीं-कहीं पर हल्की बर्फबारी की भी संभावना है।
वर्तमान मौसमी सिस्टम के पीछे एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ भी आ रहा है, जो 2 फरवरी की रात या 3 फरवरी से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों पर अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेगा। इसके अलावा मैदानी इलाकों में चक्रवाती सिस्टम और ट्रफ के कारण हवाओं का रुख बदलेगा और एक साथ बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से आर्द्र हवाओं का प्रवाह पंजाब से लेकर हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान यहां तक कि मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों, उत्तर प्रदेश और बिहार तक बढ़ जाएगा। यही कारण है कि इन सभी क्षेत्रों में आने वाले दिनों में एक साथ बारिश देखने को मिलेगी।
3 फरवरी से बारिश की गतिविधियां उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ेगी और धीरे-धीरे पंजाब तथा हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में वर्षा शुरू हो जाएगी। राजधानी दिल्ली में भी 3 फरवरी से मौसम बदलेगा। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों और मैदानी राज्यों में 3 और 4 फरवरी को व्यापक बारिश की संभावना है। उत्तराखंड में भी कई जगहों पर वर्षा और हिमपात इस दौरान देखने को मिल सकता है।
इन सभी क्षेत्रों में कई जगहों पर गर्जना के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है। यह सभी मौसम पूर्वी दिशा में बढ़ते रहेंगे जिसके कारण बारिश का दायरा जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा पूर्वी की तरफ पश्चिम में हरियाणा, पंजाब, पूर्वी राजस्थान, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश 5 फरवरी से मौसमी हलचल कम हो जाएगी जबकि उत्तराखंड में बारिश जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश में बारिश मुख्यतः 4 से 6 फरवरी के बीचे व्यापक रूप में देखने को मिलेगी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के कुछ भागों, उत्तरी छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में 5 और 6 फरवरी को गर्जना के साथ कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। इन सभी भागों में बारिश के साथ हवाएं चलने बादलों की तेज गर्जना होने कुछ स्थानों पर बिजली गिरने या ओलावृष्टि होने की भी आशंका रहेगी।
इससे पहले उत्तर भारत के मैदानी और गंगा के मैदानी क्षेत्रों में 3 फरवरी से हवाओं का रुख बदलेगा जिससे न्यूनतम तापमान में और वृद्धि दर्ज की जाएगी और उम्मीद है कि 6 फरवरी तक ज्यादातर जगहों पर शीतलहर का प्रकोप नहीं रहेगा और सर्दी से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी लेकिन बारिश की गतिविधियां बंद होने के बाद फिर से उत्तर पश्चिमी हवाएं चलेंगी और न्यूनतम तापमान एक बार और नीचे जाएगा।
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