दिवाली बीत गई है और अक्तूबर का महीना भी बीतने वाला है। उत्तर भारत में आमतौर पर दशहरे से ही शरद ऋतु का आगमन हो जाता है और सुबह-शाम की ठंडक मौसम का मिजाज़ खुशनुमा कर देती है। लेकिन उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में अभी भी दिन गर्म है। कई स्थानों पर तापमान 35 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है। न्यूनतम तापमान भी अब तक 19-20 डिग्री के आसपास बने हुए हैं।
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोग अभी भी सर्दी के इंतज़ार में हैं और आश्चर्यचकित हैं कि अब तक सर्दी का शुभ-आगमन क्यूँ नहीं हुआ। अगर मौसम विशेषज्ञों की नज़र से देखें तो इसका सबसे पहला और प्रमुख कारण हैं बंगाल की खाड़ी से आने वाली आर्द्र और गर्म हवाएँ। यह हवाएँ थोड़े अंतराल के बाद उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में प्रभावी रही हैं और यही वजह है कि तापमान में कमी नहीं होने पाई।
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बंगाल की खाड़ी में बीते दिनों एक के बाद एक मौसमी सिस्टम विकसित होते रहे जिनके प्रभाव से खाड़ी से उठने वाली आर्द्र हवाओं का प्रवाह उत्तर-पश्चिम भारत तक जारी रहा। इसके अलावा उत्तर भारत में आने वाले पश्चिमी विक्षोभ भी इतने प्रभावी नहीं रहे कि पहाड़ों पर बारिश दें और उससे आने वाली ठंडी हवाएँ मैदानी राज्यों के तापमान को कम करें। फिलहाल बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन निष्प्रभावी हो गया है।
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स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण-पूर्वी हवाओं का प्रवाह कम हो रहा है साथ ही उत्तर-पश्चिमी शुष्क और शीतल हवाएँ चलना शुरू हो गई हैं। इस बदलाव से अमृतसर, चंडीगढ़, दिल्ली, करनाल, अंबाला, जयपुर, नोएडा, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद और गाज़ियाबाद में न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी और इस सप्ताह के आखिर तक यह 16-17 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है।
हवाओं की गति बदलने से न्यूनतम तापमान गिरेगा तो सुबह व रात के समय ठंडक बढ़ जाएगी लेकिन दिन के तापमान में जल्द विशेष बदलाव के आसार नहीं हैं। हालांकि शीतल हवाओं के चलते मौसम खुशनुमा हो जाएगा। फिलहाल दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की सर्दी का जल्द ही आगमन होगा।
Image credit: Hindustan Times
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