बीते कई दिनों के ठहराव के बाद आखिरकार पश्चिमी भागों में भी मॉनसून ने प्रगति की है। बीते 10 जून से 18 जून के बीच मॉनसून का पश्चिमी सिरा कमजोर बना हुआ था जिसके चलते मुंबई सहित महाराष्ट्र और अन्य पश्चिमी भागों में मॉनसून का इंतज़ार और लंबा हो गया। कर्नाटक के कारवार से 10 जून के बाद से मॉनसून ने कोई प्रगति नहीं की।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत दे रहा है कि मॉनसून का पश्चिमी सिरा जल्द ही और सशक्त होगा। कोंकण के मध्य भागों तक मॉनसून का आगाज हो चुका है और जल्द ही यह और भागों में आगे पहुंचेगा। रविवार, 19 जून को मॉनसून का पश्चिमी सिरा आगे बढ़ा और इसने समूचे गोवा में दस्तक दी। मध्य महाराष्ट्र के कुछ भागों, पूर्वी मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश के भी कुछ भागों में मॉनसून का आगाज हो गया है।
मॉनसून में आई सक्रियता के चलते पश्चिमी तटों पर कर्नाटक से केरल तक बनी ट्रफ का दायरा उत्तर में और बढ़ेगा जिससे पश्चिमी तटीय भागों में अधिकांश स्थानों पर बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। अगले कुछ दिनों के दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है।
मुंबई में अभी मॉनसून के आने में समय लग सकता है, हालांकि अगले 48 घंटों के दौरान मायानगरी में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के लिए मौसम अनुकूल है। अगले 48 घंटों तक मुंबई में लोग बारिश की बौछारों में भीगेंगे लेकिन उसके पश्चात मुंबई और इसके उप-नगरीय इलाकों में बारिश में कमी आएगी।
मॉनसून 25 जून से फिर से रफ्तार पकड़ेगा और यह उत्तरी कोंकण क्षेत्र में भी दस्तक देगा। इस समय पश्चिमी तटों पर भारी बारिश की गतिविधियां शुरू हो गई हैं। बीते 24 घंटों के दौरान मंगलुरु में 73.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा अन्य कई तटीय शहरों में भी अच्छी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
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