[Hindi] खाड़ी में बना गहरा निम्न दबाव कल बन सकता है चक्रवाती तूफान

April 14, 2017 5:26 PM | Skymet Weather Team

बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र लगातार सशक्त हो रहा है। उम्मीद है कि यह सिस्टम 15 अप्रैल यानि कल तक चक्रवात का रूप धरण कर सकता है। अगर यह सिस्टम चक्रवात बनता है तो यह इस सीजन का पहला चक्रवात होगा और इसे मोरा चक्रवात के रूप में जाना जाएगा। हालांकि इसकी तेज गति के चलते ही इसके गहरे चक्रवाती तूफान का रूप लेने की संभावना कम है क्योंकि यह बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और भीषण चक्रवाती तूफान बनने से पहले ही यह जमीनी हिस्सों के पास पहुंच चुका होगा।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम अगले 72 घंटों में यानि 17 अप्रैल को म्यांमार के तटीय क्षेत्रों के पास लैंडफॉल कर सकता है। लेकिन राहत की बात यह भी है कि जिस तेज़ी से यह सिस्टम आगे बढ़ रहा है उसी तेज़ी से लैंडफॉल के बाद कमजोर भी हो जाएगा। वर्तमान मौसमी परिदृश्य के अनुसार अगर यह कमजोर होता है तो नुकसान कम से कम होगा।

इसके अलावा इस बात की भी संभावना है कि यह सिस्टम चक्रवात के रूप में नहीं बल्कि कमजोर होकर डिप्रेशन के रूप में लैंडफॉल करे। वर्तमान में इसकी दिशा उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी है और आगे भी इसी दिशा में बढ़ता रहेगा जिससे भारत के पूर्वी तटीय राज्यों तथा पूर्वोत्तर भारत के भागों पर इसका बहुत अधिक असर देखने को नहीं मिलेगा।

हालांकि 16 और 17 अप्रैल को पूर्वोत्तर भारत के नागालैंड, मणिपुर और त्रिपुरा में गरज और मध्यम से तेज़ हवाओं के के साथ मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की जा सकती है। पूर्वी तटीय राज्यों विशेषकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओड़िशा में बादल छाए रहेंगे तथा मध्यम हवा चलेगी लेकिन भारी बारिश जैसी गतिविधियों की संभावना फिलहाल नहीं है।

इससे पहले बीते 24 घंटों के दौरान सशक्त होते हुए यह सिस्टम पहले निम्न दबाव बना और अब गहरे निम्न दबाव का रूप ले चुका है। इस समय यह सिस्टम श्रीलंका के कोलंबो से 815 किलोमीटर पूर्व और उत्तर पूर्व में है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में घने बादलों की स्थिति और यहाँ की वायुमंडलीय स्थितियाँ संकेत कर रही हैं कि यह आज शाम तक डिप्रेशन का रूप ले लेगा। इस सिस्टम सशक्त होते हुए कल चक्रवात बनने और उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी दिशा में म्यांमार के तटों की ओर आगे बढ़ने की संभावना है।

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