राजस्थान के ऊपर एक गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिससे प्रभाव से पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और कच्छ के कई जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश दर्ज की जाएगी। गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र राजस्थान के मध्य भागों पर बना हुआ है जिसके मध्य से होकर मॉनसून की अक्षीय रेखा गुज़र रही है (देखें मॉनसून अपडेट)।
यह सिस्टम अगले 24 घंटों में और सशक्त होकर डिप्रेशन का रूप अख़्तियार कर सकता है। बारिश की कमी से जूझने वाले राजस्थान के पश्चिमी भागों में अगले 48 घंटों के दौरान भीषण बारिश हो सकती है। इसके प्रभाव से गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में भी मूसलाधार वर्षा दर्ज की जाएगी।
इससे पहले उत्तरी मध्य प्रदेश के ऊपर एक चकरवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ और धीरे-धीरे इसने पश्चिम में बढ़ना शुरू किया। 24 जुलाई को यह निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में तब्दील हो गया और दक्षिण पश्चिमी मध्य प्रदेश और उससे सटे राजस्थान के ऊपर स्थिर हो गया। उसके बाद से पश्चिमी मध्य प्रदेश में भीषण बारिश हो रही है। नतीजतन मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में कुल बारिश का आँकड़ा औसत से 29% ऊपर पहुँच चुका है जबकि राज्य के पूर्वी भागों में अब तक औसत से 7% कम बारिश दर्ज की गई है।
यह मौसमी सिस्टम 26 जुलाई को और प्रभावी हुआ तथा इसने गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र का रूप ले लिया। इन भागों में 24 जुलाई के बाद से जब से सिस्टम बना है तब से लगातार मध्यम से भारी बारिश हो रही है। इन्हीं सिस्टमों के चलते पिछले कई दिनों से मॉनसून की अक्षीय रेखा राजस्थान से मध्य भारत होते हुये बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। जिससे उत्तर भारत के भागों में मॉनसूनी बारिश की गतिविधियां नहीं हो रही हैं।
आमतौर पर बारिश के लिए अधिकांश समय तक प्रतीक्षारत रहने वाले देश के उत्तर पश्चिमी राज्य राजस्थान में वर्तमान मौसमी परिदृश्य के चलते औसत से 20% अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। जबकि राज्य के पश्चिमी हिस्सों में 44% औसत से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
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