मध्य प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में पिछले दो दिनों के दौरान बारिश की गतिविधियां देखने को मिली। हालांकि अब मौसम शुष्क हो जाएगा। 27 जनवरी तक पूरे मध्य प्रदेश का मौसम शुष्क ही बने रहने की संभावना है। 25 जनवरी तक उत्तर पश्चिमी दिशा से ठंडी हवाओं के कारण रात के तापमान में गिरावट हो सकती है जिससे सर्दियाँ एक बार फिर बढ़ जाएगी। परंतु, 28 जनवरी को राज्य के उत्तरी और पूर्वी जिलों में बारिश होने की संभावना है जो 29 तारीख को कम हो जाएगी परंतु एक दो स्थानों पर हल्की बारिश जारी रह सकती है। 30 जनवरी होते होते मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा।
मुख्यतः शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है की फसलों में मृदा नमी के अनुसार सिंचाई करें। रोगों व कीटों की रोकथाम के लिए अभी दवाओं व रसायनों का भी प्रयोग इस समय किया जा सकता है। 28-29 के दौरान अति-उत्तर व पूर्वोत्तर ज़िलो में हल्की वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसानों को चाहिए की इस दौरान सिंचाई व छिड़काव न करें। 28-29 के दौरान बादल छाए रहने का भी अनुमान है, ऐसे मौसम में चने की फसल में कीट-व्याधियों के प्रकोप की संभावना है इसलिए खेतों की सतत निगरानी रखें। तना एवं जड़ सड़न रोग की तीव्रता आर्थिक क्षति-स्तर से अधिक होने पर इसके रोकथाम हेतु थायोफेनेट मेथाइल डबल्यू.पी. फफूंदनाशक 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़कें। चने की फसल में फली छेदक, प्लम-मोथ, फल-मक्खी आदि कीटों का प्रकोप अधिक होने पर मेथोमाइल एस.पी. या बेसिलस थुरिनजीएन्सिस 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर साफ मौसम में छिड़कें व आवश्यकतानुसार दवा का बदलाव कर 8-10 दिन बाद दूसरा छिड़काव किया जा सकता है। संभावित कोहरे एवं नमी-युक्त मौसम में किसान भाई इस बात का विशेष ध्यान रखे की खरीफ व ग्रीष्म कालीन फसलों के जो बीज विभिन्न भंडारग्रहो में संग्रहित किए गए हैं उनमे कहीं से किसी भी प्रकार की नमी प्रवेश न हो ताकि बीज की गुणवत्ता बनी रहे।
Image credit: Dna India
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