पिछले 7 दिनों के दौरान, मध्य प्रदेश में मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहा। उत्तर पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं के कारण, मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों में सुबह के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। कुछ स्थानों पर कुवासा भी देखने को मिला। जबकि दिन में मुख्यतः धूप छाई रही और दिवस आरायमदायक रहा। हालांकि, दक्षिण पूर्वी प्रांतों में एक दो स्थानों में गरज के साथ हल्की बौछारे देखने को मिली।
मौसम विशेषज्ञों की माने तो अगले 7 दिनों में किसी भी महत्वपूर्ण मौसमी प्रणाली के आभाव में मौसम शुष्क और आरामदायक रहेगा। सूरज के उत्तरायण होने के कारण दिन और रात के तापमान में धीरे धीरे बढ़ोत्तरी होगी और आसमान मुख्यतः साफ रहेगा। ज़्यादातर भागों में उत्तर पश्चिमी दिशा से चलने वाली हवाओं का असर देखने को मिलेगा। आर्द्रता में भी कमी आने की संभावना है।
किसानों के लिए फसल सलाह
मौसम शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए किसानों को सुझाव दिया जाता है की खड़ी फसलों व सब्जियों में पर्याप्त सिंचाई देते रहें। वसंत कालीन गन्ने की बोनी हेतु शीघ्र अवधि की सी.ओ.पंत-99226, सी.ओ-87010, सी.ओ.जे.एन. 86-141 एवं मध्यम अवधि की सी.ओ-90228, सी.ओ.एल.के-8001, सी.ओ.एच-7803 जैसी किस्मों का चुनाव करें। खेत की अच्छी तैयारी कर आधार खाद के रूप में 5-10 टन गोबर की खाद, 80 कि.ग्रा. फास्फोरस, 60 कि.ग्रा. पोटाश व 40 कि.ग्रा. ज़िंक सल्फेट प्रति हेक्टर दें। वर्तमान के मौसम में सरसों, मसूर, धनिया, आलू, गोभी-वर्गीय सब्जियाँ एवं अन्य फसलों में माहू (चेंपा) कीट के प्रकोप में वृद्धि की संभावना है। कीट के शिशु व प्रौंढ दोनों ही पौधों के नवीन वृद्धि वाले कोमल भागो में चिपक कर उनका रस चूसते है व एक विशेष चिपचिपा मीठा पदार्थ पौधों पर छोड़ते है जो फफूंद रोग का कारण बनता है, जब प्रभावित फसल के 30% पौधो पर माहू दिखे तब इस क्षति कारक अवस्था में नियंत्रण हेतु 1 लीटर डाइमेथोएट 30 ई.सी. या 100 ग्राम थाइमेथोक्ज़ाम 25% डबल्यू.जी. प्रति हेक्टर 500 लीटर पानी में घोलकर दोपहर बाद छिड़कें व आवश्यकतानुसार दूसरा छिड़काव 10-12 दिन बाद करें।
Image credit: Rising Kashmir
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