इस सप्ताह हरियाणा के कुछ हिस्सों में बारिश के आसार दिखाई दे रहे हैं।
हरियाणा में कई दिनों से बारिश नहीं हुई है। मौसम शुष्क बना हुआ है। जनवरी तक सामान्य से अधिक था बारिश का आंकड़ा लेकिन 1 जनवरी से 18 फरवरी तक के आंकड़े देखें तो सामान्य से 4% कम 23 मिमी बारिश हुई है।
20 फरवरी के आसपास एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के करीब पहुंच सकता है। इसके चलते 20 और 21 फरवरी को हरियाणा के कुछ इलाकों में गर्जना के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।
उत्तरी ज़िले पंचकुला, चंडीगढ़, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला और करनाल मुख्यतः प्रभावित होंगे। फ़रीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, रेवाड़ी, झज्जर, बहादुरगढ़ सहित बाकी हरियाणा में आंशिक बादलों के बीच बूँदाबाँदी या हल्की वर्षा 20-21 फरवरी को ही संभावित है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
20 से 21 फरवरी को उत्तरी इलाकों में वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि सिंचाई और छिड़काव की गतिवधियों को अभी रोक दें। कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर संग्रहित करें।
मौसम साफ होने पर गन्ने की बिजाई शुरू की जा सकती है। बिजाई हेतु रासायनिक खादों का प्रयोग मिट्टी की जांच रिपोर्ट के अनुसार करें। यदि जांच कराना संभव न हो तो बिजाई के समय प्रति एकड़ 20 कि.ग्रा. शुद्ध नाइट्रोजन (44 कि.ग्रा. यूरिया), 20 कि.ग्रा. शुद्ध फास्फोरस (125 कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट या 44 कि.ग्रा. टी.एस.पी या डी.ए.पी) पोरियों के नीचे डालें। गन्ने की मोढ़ी फसल में यदि अच्छी फूट आ गई हो तो फरवरी माह में पहली जुताई-गुड़ाई के समय 30 कि.ग्रा. शुद्ध नाइट्रोजन (66 कि.ग्रा. यूरिया) प्रति एकड़ डालें।
गेहूं की फसल में यलो रस्ट का प्रकोप भी देखा जा रहा है। फसल की नियमित जांच करते रहें और संक्रामण पर तुरंत उपचार करें।
Image credit: AAJ TAK
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