पिछले सप्ताह ओड़ीशा पर आए चक्रवाती तूफान “फानी” के कारण उत्तर प्रदेश के भी कई इलाकों में आँधी के साथ कुछ स्थानों पर बारिश हुई। हालांकि गेहूँ जैसी प्रमुख फसलों की कटाई हो चुकी है इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। मूंग, मूँगफली व सब्जियों आदि की फसलों को भी इससे नुकसान नहीं पहुंचा।
इस सप्ताह यानि 9 मई से 15 मई के बीच मौसम की अगर बात करें तो शुरुआती दिनों में गर्मी प्रचंड रहेगी। उसके बाद उत्तर प्रदेश में प्री-मॉनसून हलचल यानि धूल भरी आँधी व हल्की बारिश देखने को मिलेगी। जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी।
राज्य में प्री-मॉनसून वर्षा की गतिविधियां पश्चिमी भागों में नोएडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, और आसपास के जिलों से 10 और 11 मई को शुरू होंगी।
12 मई को लखनऊ, कानपुर, फुर्सतगंज और आसपास के शहरों में भी बादलों की गर्जना के साथ वर्षा हो सकती है।
हमारा अनुमान है कि अयोध्या, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, गोरखपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश में 13 और 14 मई को कई स्थानों पर बादल छाएंगे और कुछ स्थानों पर गर्जना के साथ बारिश दर्ज की जाएगी।
इस बारिश के कारण इस समय राज्य में फसलों को ज़्यादा नुकसान नहीं होगा लेकिन तेज़ आँधी चलने से अमिया यानि आम के छोटे-छोटे फल पेड़ों से गिर सकते हैं। वसंत ऋतु के गन्ने की बुवाई का यह उपयुक्त समय है।
दूसरी ओर यह बारिश तेज़ गर्मी से राज्य के लोगों को व्यापक राहत दिलाएगी। खास राहत बांदा, झांसी, लखीमपुर खीरी, आगरा, और आसपास के शहरों में देखने को मिलेगी क्योंकि भीषण गर्मी की सबसे अधिक मार उत्तर के यही दक्षिणी ज़िले झेल रहे हैं।
याद रखिए उत्तर प्रदेश की पूर्वी भागों और लखनऊ सहित मध्य भागों तक मॉनसून के आने में अभी एक महीने से अधिक का समय है। आमतौर पर 15 जून को लखनऊ तक मॉनसून का आगमन हो जाता है।
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