[Hindi] गुजरात का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (26 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

September 27, 2020 10:00 AM | Skymet Weather Team

आइये जानते हैं गुजरात में 26 सितंबर से 02 अक्टूबर के बीच कैसा रहेगा मौसम।

मॉनसून 2020 अब विदा होने वाला है। गुजरात को इस मॉनसून ने जमकर भिगोया है। गुजरात रीजन जिसमें पूर्वी जिले आते हैं, सामान्य से 13% अधिक वर्षा प्राप्त हुई है जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में सामान्य से बहुत ही अधिक 129% अधिक वर्षा मिल चुकी है।

इस बीच पिछले 24 घंटों के दौरान भी वलसाड तथा सूरत में अच्छी वर्षा हुई है जबकि वल्लभ विद्यानगर, भावनगर, राजकोट और ओखा में हल्की वर्षा दर्ज की गई है। 28 सितंबर के आसपास मॉनसून पश्चिमी राजस्थान से विदा लेने लगेगा। गुजरात में भी अब वर्षा की गतिविधियां बहुत कम हो जाएंगी। हालांकि दक्षिणी जिलों में हल्की वर्षा अभी भी जारी रह सकती है। इस समय अधिकांश जिलों में फसलों की कटाई शुरू हो चुकी है। इसलिए इस समय वर्षा न होना ही किसानों के लिए लाभदायक है।

हालांकि छिटपुट वर्षा दक्षिणी जिलों में अभी जारी रह सकती है। वर्षा से प्रभावित होने वाले जिले होंगे सूरत, वलसाड, भावनगर, नवसारी। उत्तरी गुजरात में मौसम पूरी तरह शुष्क ही बना रहेगा तथा तापमान में भी वृद्धि होने के आसार हैं।

इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर

मुख्यतः शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों में आवशयकतानुसार सिंचाई दें। पक चुकी फसलों की कटाई कर सुरक्षित स्थानों पर संग्रहित करें। कपास की फसल में इस समय गुलाब सूँडी का प्रकोप देखा जा सकता है, इसकी रोकथाम के लिए सबसे पहले प्रभावित टिंडो को पौधों से तोड़ कर नष्ट करें तथा खेतो में फेरोमोन ट्रेप लगाएँ।

कपास की फसल में नाइट्रोजन के अधिक उपयोग के कारण फूल झड़नें लगते हैं। इसलिए नाइट्रोजन की अनुशंसित मात्रा का ही उपयोग करें। कपास की फसल में जेसिड कीट के कारण यदि पत्तियाँ मुड़ी हुई दिखें तो नियंत्रण हेतु 5 मिली उलाला या 5 ग्राम थाइयामेथोक्ज़ेम 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

तुअर की फसल में अच्छी उपज के लिए फसल को बुवाई के 60 दिन बाद तक खर-पतवारों से मुक्त रखें।

धान की फसल में दाने बनने की अवस्था में फाल्स-स्मट का प्रकोप पाया जा सकता है, जिससे उपज तथा गुणवत्ता पर असर पड़ता है, इसकी रोकथाम के लिए प्रभावित बलियों को पौधों से काट कर नष्ट करें तथा मौसम अनुकूल होने पर साफ फफूंदनाशी 20 मिली प्रति 10 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें।

मिर्ची की फसल में थ्रिप्स के प्रकोप के कारण पौधे के ऊपर की पत्तियाँ मुड़नें लगती हैं, नियंत्रण हेतु 10 मिली स्पाईनोसेड 10 लीटर पानी में मिलाकर अनुकूल मौसम में छिड़काव करें।

Image credit: The Guardian

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