[Hindi] गुजरात का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (3 से 9 अक्टूबर, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

October 3, 2020 12:53 PM | Skymet Weather Team

आइये जानते हैं गुजरात में 03 से 9 अक्टूबर के बीच कैसा रहेगा मौसम।

मॉनसून की विदाई उत्तर भारत से शुरू हो गई है परंतु बंगाल की खाड़ी और उससे सटे भागों के ऊपर बने निम्न दबाव के प्रभाव से गुजरात से मॉनसून की वापसी में अभी कुछ विलंब होगा। लेकिन इस दौरान गुजरात में बारिश की संभावना बिलकुल नहीं है।

हालांकि 3 से 5 अक्तूबर के बीच गुजरात के दक्षिणी हिस्सों में विशेषकर वलसाड, नवसारी, डांग, तापी, भरूच और सूरत में आंशिक बादल छाए रहने और कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा होने की संभावना रहेगी। इस दौरान भावनगर, अमरेली, सोमनाथ और जूनागढ़ में भी छिटपुट बूँदाबाँदी या एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।

जामनगर, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाना, पाटन, सबरकांठा, बनासकांठा, भुज सहित बाकी सभी क्षेत्रों में पूरे सप्ताह मौसम मुख्यतः शुष्क और साफ बना रहेगा।   

शुष्क मौसम के बीच गुजरात के पूर्वी क्षेत्रों से लेकर सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र तक तापमान ज़्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से 1 से 3 डिग्री ऊपर रहेगा। अधिकतम तापमान 33 से 36 डिग्री के बीच जबकि न्यूनतम तापमान 23 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जाएगा।

इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर

कुछ हिस्सो में हल्की वर्षा के साथ मुख्यतः शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें। धान की फसल जब पकाव की तरफ होती है तब उमसें तना छेदक कीट के प्रकोप की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं इसके प्रकोप से मुख्य तना सूखने लगता है और डेड-हार्ट बनने लगते हैं, जिससे उपज प्रभावित होती है इसकी रोकथाम के लिए सर्वप्रथम प्रभावित हिस्सों को काट कर नष्ट करें और फेरोमोन ट्रेप लगाएँ।

लगातार वर्षा होने के कारण मिट्टी से नाइट्रोजन निकल जाता है, जिसके कारण कपास की फसल पीली दिखाई देने लगती है इसके निदान के लिए मौसम अनुकूल होने पर 0.2% यूरिया (200 ग्राम यूरिया प्रति 10 लीटर पानी) के घोल का पौधों की जड़ों के आसपास छिड़काव करें। कपास की फसल में यदि जेसिड का प्रकोप पाया जा रहा हो तो 3 मि.ली. उलाला प्रति 10 लीटर पानी की दर से छिड़कें तथा थ्रिप्स की रोकथाम के लिए स्पाइनोसेड 5 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी की दर से छिड़कें। छिड़काव से पहले घोल में तरल साबुन मिलाएँ।

मिर्ची की रोपाई के लिए अभी समय उपयुक्त है रोपाई से पहले 30 मि.ली. एन.पी.के. बैक्टीरिया 10 लीटर पानी में मिलाकर घोल बनाएँ तथा 10 मिनट तक उसमे पौधों की जड़ों को डुबा कर उपचारित करें। मिर्च के खेत मे नमी को नियंत्रित रखने हेतु वसपा स्थिति मे इंटरकल्चर ऑपरेशन करें। 

Image credit: TheGuardian

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