[Hindi] उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (31 दिसम्बर, 2020 से 6 जनवरी, 2021), किसानों के लिए फसल सलाह

December 31, 2020 4:14 PM|

आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश में 31 दिसम्बर, 2020 से 6 जनवरी, 2021 के बीच कैसा रहेगा मौसम।

उत्तर प्रदेश में 3 जनवरी 2021 तक इसी तरह से शीत लहर का प्रकोप जारी रहने की संभावना है क्योंकि इस दौरान उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों में पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा से ठंडी और शुष्क हवाओं का प्रभाव बना रहेगा। पीलीभीत, बरेली, नजीबाबाद, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, लखनऊ समेत कई जगहों पर 31 दिसंबर, 2020 से 3 जनवरी 2021 तक तापमान में गिरावट इसी तरह से जारी रहेगी। इन भागों में कुछ स्थानों पर पाला पड़ने का भी खतरा बना रहेगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भागों में 3, 4, और 5 जनवरी को कुछ स्थानों पर गरज के साथ हल्की वर्षा होने या ओलावृष्टि होने की आशंका है। बारिश से आगरा, मथुरा, अलीगढ़, गौतमबुधनगर, गाज़ियाबाद और आसपास के ज़िले प्रभावित हो सकते हैं।    

जबकि लखनऊ और कानपुर से लेकर बहराइच, अयोध्या, प्रतापगढ़, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, प्रयागराज, जौनपुर, आज़मगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, मिर्जापुर, भदोही, गाजीपुर समेत पूर्वी जिलों तक पूरे सप्ताह मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहेगा। इन भागों में पश्चिमी हवाएं लगातार चलती रहेंगी जिसके कारण शीतलहर का प्रकोप जारी रह सकता है। इन भागों में कोहरा भी पूरे सप्ताह मध्यम से घना रहेगा। जिससे दिन के तापमान में भी कमी के कारण सर्दी से राहत मिलने के संकेत नहीं हैं।

इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर

उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में जारी कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में कुछ हिस्से ऐसे होंगे जहां पाला पड़ने की भी संभावना है। इसके चलते कई फसलों को नुकसान हो सकता है। पाले से बचाव के लिए फसलों में पहले से ही सिंचाई करें।

नमी के कारण आलू की फसल में विशेष रूप से पाला लगने की आशंका है। लक्षण दिखाई देने पर मैनकोज़ेब 75% डब्ल्यू.पी. 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें। 

खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। प्याज़ की रोपाई करने के लिए मौसम अभी उपयुक्त है, रोपाई से पहले खेतों में जैविक खाद और और पोटाश उर्वरक देकर खेत ठीक से तैयार करें। 

फसलों में खर-पतवारों की निगरानी करते रहें व उत्तपत्ति होने पर खेतों से निकाल कर नष्ट करें। इस समय सब्जियों की फसलों में पत्ती काटने वाले व छेदक कीटों का प्रकोप भी हो सकता है। संक्रमण बढ़ने पर उपचार करें।

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