[Hindi] उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (20-26 अगस्त, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

August 20, 2020 5:36 PM | Skymet Weather Team

आइये जानते हैं उत्तर प्रदेश में 20 से 26 अगस्त के बीच कैसा रहेगा मौसम।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 10% अधिक वर्षा हो चुकी है। दूसरी ओर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिले अभी भी सूखे की मार झेल रहे हैं। पश्चिमी भागों में 24% की कमी बनी हुई है।

पिछले 24 घंटों के दौरान, वाराणसी तथा गोरखपुर सहित मेरठ में भी अच्छी बारिश देखने को मिली है परंतु बाकी जिलों में बारिश की गतिविधियां काफी हल्की ही रही हैं।

इस बीच ओडिशा के पास एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके प्रभाव से मॉनसून रेखा का पूर्वी सिरा दक्षिण की ओर आ गया है। इसके कारण उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में बारिश कम हो जाएगी। हालांकि हल्की से मध्यम बारिश कुछ इलाकों में होती रहेगी।

22 अगस्त से पूर्वी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां फिर से तेज़ हो जाएंगी। शुरुआत दक्षिण-पूर्वी हिस्सों से होगी और उसके बाद गोरखपुर से लेकर बहराइच तक तराई क्षेत्रों में बारिश बढ़ेगी।

24, 25 और 26 अगस्त को उत्तर प्रदेश के लगभग सभी भागों में मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं। इस दौरान लखनऊ, कानपुर, सीतापुर, बरेली, रामपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, एटा समेत अधिकांश इलाकों में बारिश देखने को मिलेगी।

इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर

धान की फसल में सिंचाई आवश्यकतानुसार करें। जस्ते की कमी के कारण धान की ऊपरी पत्तियाँ पीली पड़ सकती है, इसकी रोकथाम के लिए ज़िंक सल्फेट का छिड़काव 25 किग्रा. प्रति हेक्टर कि दर से करें। जुलाई के अंतिम सप्ताह में रोपे गए धान के खेत में जल का उचित प्रबंध करते हुए खरपतवार निकालने के बाद ही यूरिया का छिड़काव करें। धान में पत्ती लपेटक कीट के जैविक नियंत्रण हेतु बिवेरिया बेसियाना 1.15% डब्ल्यू.पी. की 2.5 किग्रा. मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 400 से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

मक्के की फसल में खरपतवारों को निकाल कर यूरिया डालें। अरहर में उकठा रोग के नियंत्रण के लिए कार्बेंडाजिम तथा मैंकोज़ेब का संयुक्त उत्पाद का 1.5-2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। अधिक प्रभावित पौधों को उखाड़ कर जला दें। 

मिर्च की फसल में थ्रिप्स के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सफेद मक्खी को नियंत्रित करना होगा। इसके लिए प्रति हेक्टेयर 5-6 पीले प्रपंच चिपचिपे टैग लगाएं। 

गन्ने कि फसल में बंधाई व मिट्टी चढ़ाने के काम सम्पन्न करें। कद्दू-वर्गीय सब्जियों और फल के नए पौधे लगाने के लिए अभी समय उचित है।

Image credit: IGC_Sputnik-News

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