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[Hindi] पंजाब का साप्ताहिक मौसम: अमृतसर, जालंधर, पठानकोट में भारी बारिश, फ़रीदकोट, फ़िरोज़पुर, फाजिल्का, भटिंडा में सूखे जैसे होंगे हालात

July 9, 2019 1:05 PM |

 

Monsoon rains in Amritsar

पंजाब में मॉनसून का आगमन हो चुका है। मॉनसून की उत्तरी सीमा अमृतसर सहित राज्य के उत्तरी शहरों पर आ गया है। पंजाब के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश का अभी भी इंतज़ार है।

आंकड़े इस बात के साक्षी हैं। राज्य में 1 जून से 8 जुलाई तक जितनी बारिश होती है उससे 53% कम बारिश इस बार हुई है। होशियारपुर, बरनाला, कपूरथला, जालंधर, फ़िरोज़पुर उन जिलों में शामिल हैं जहां बारिश 70 से 90 फीसदी तक कम हुई है। यानि इन भागों में हालात सूखे जैसे हैं।

हालांकि कुछ ज़िले ऐसे भी हैं जहां सामान्य के आसपास बारिश हुई है। इसमें फ़रीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, मोगा और तरण तरण शामिल हैं। भटिंडा पंजाब का एकमात्र ऐसा शहर है जहां सामान्य से अधिक रिकॉर्ड की गई है। यहाँ 1 जून से 8 जुलाई के बीच सामान्य से 18 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

पंजाब में 9 से 15 जुलाई के बीच बारिश की संभावनाओं की बात करें तो कुछ इलाकों में बारिश होगी जबकि कुछ भागों में सूखे का संकट रहेगा। पंजाब के लोगों को खेती का काम आगे बढ़ाने के लिए बारिश का बेसब्री से इंतज़ार है।

इस पूरे सप्ताह में पंजाब के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की जाएगी। लेकिन अच्छी बारिश राज्य के उत्तरी जिलों में खासकर गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, तरन तारन, कपूरथला, रूपनगर, जालंधर, शहीद भगत सिंह नगर, लुधियाना और पटियाला में होने की संभावना है।

दक्षिणी जिलों में ज़्यादातर समय मौसम शुष्क रहेगा। फ़रीदकोट, फ़िरोज़पुर, फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, भटिंडा, मोगा, मनसा, बरनाला, संगरूर सहित दक्षिणी जिलों में इस सप्ताह हल्की बारिश ही देखने को मिलेगी। हालांकि इस सप्ताह इन भागों में मॉनसून का आगमन हो सकता है, लेकिन मॉनसून की एंट्री धमाकेदार नहीं होगी।

फसल सलाह

उत्तरी व मध्य पंजाब में अच्छी बारिश को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों में सिंचाई व अन्य छिड़काव इस सप्ताह करने से बचें। अन्यथा तेज़ बारिश होने से आपकी मेहनत, लागत और समय सब पानी में बह जाएगा। वहीं भटिंडा, मुक्तसर, संगरूर जैसे दक्षिणी जिलों में किसानों को सुझाव है कि खेतों में नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर हल्की सिंचाई करते रहें।

मक्के की फसल में पानी के निकास की उचित व्यवस्था बनाए रखें और ज़्यादा पानी न रहने दें। कपास में सफ़ेद मक्खी के प्रकोप की निगरानी रखें। अगर मक्खी दिखे तो उचित उपचार करें।

गन्ने की फसल में लौह तत्व की कमी के कारण पत्तियों में पीली पट्टियाँ बनने लगती हैं व पौधो का विकास रुक जाता है, इसकी रोकथाम के लिए 1% फेरस सल्फेट का घोल एक हफ्ते के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव करें।

Image Credit: The Indian Express

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