पंजाब में इस साल मॉनसून वर्षा यूं तो सामान्य के आसपास हो गई है। आंकड़ों में देखें तो बारिश में कमी मात्र 4% की रही है। लेकिन बारिश का वितरण समान नहीं होने के कारण कई इलाकों में सूखे जैसे हालात हैं। इससे किसानों और कृषि की परेशानी बढ़ी है।
सबसे कम वर्षा वाले जिलों में फ़िरोज़पुर सबसे ऊपर है। यहाँ सामान्य से 46% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी तरह अमृतसर में 36% कम बारिश देखने को मिली है। होशियारपुर में 35% कम और संगरूर में 31% कम बारिश हुई है। हालांकि अच्छी बात यह है कि पंजाब में सिंचाई की अच्छी व्यवस्था है जिसके चलते कम बारिश से फसलों को बड़ा नुकसान नहीं होता है।
दूसरी ओर कपूरथला, पटियाला, मुक्तसर और भटिंडा सहित कई शहर ऐसे रहे हैं जहां सामान्य से ज़्यादा बारिश हुई है।
पूर्वानुमान यह है कि पंजाब के अधिकांश भागों में 10 से 16 सितंबर के बीच अधिकांश समय और ज़्यादातर इलाकों में मौसम शुष्क ही बना रहेगा।
अनुमान है कि 12 से 14 सितंबर के बीच पूर्वी पंजाब के भागों में होशियारपुर, शहीद भगत सिंह नगर, लुधियाना, पटियाला, कपूरथला, फतेहगढ़ साहिब, संगरूर और आसपास के इलाकों में थोड़े समय के लिए बारिश का मौसम बन सकता है। जबकि इस दौरान भी पश्चिमी पंजाब में श्री मुक्तसर साहिब, फ़रीदकोट, मोगा, फ़िरोज़पुर और तरण तारण में मौसम मुख्यतः शुष्क ही बना रहेगा।
पंजाब के किसानों के लिए फसल सलाह
पंजाब में बारिश बहुत कम हो रही है। इसलिए किसानों को सुझाव है कि नमी कम होने पर सिंचाई देते रहें। धान में पानी के कमी न होने दें। खेतों से खर-पतवार निकाल कर नष्ट कर दें।
बीटी कपास में मीली बग का प्रकोप होने की संभावना बढ़ गई है। इसकी रोकथाम के लिए एकालक्स या क्यूनलफॉस या क्यूनलगार्ड 25 ईसी 500 मिली 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
मक्के की फसल में यूरिया की शेष मात्रा का छिड़काव कर सकते हैं।
सब्जियों की रोपाई अभी की जा सकती है। गन्ने में तना भेदक व पायरिल्ला का प्रकोप हो सकता है। फसलों की नियमित निगरानी करते रहें। फसल में पानी का जमाव न होने दें व अत्यधिक नाइट्रोजन देने दे बचें।
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