हरियाणा में उत्तर से दक्षिण तक और पूरब से पश्चिम तक यानी राज्य के सभी शहरों में 8 और 9 मई को भीषण गर्मी रहेगी। गर्म लू के थपेड़े झेलने पड़ेंगे। फतेहाबाद, सिरसा, हिसार, भिवानी और आसपास के शहरों में लू का प्रकोप ज्यादा हो सकता है।
लेकिन 10 मई से हरियाणा में स्थितियां बदलेंगी क्योंकि जम्मू कश्मीर के पास एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ आएगा और राजस्थान पर एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र विकसित होगा।
इन सभी सिस्टमों के कारण शुष्क हवाओं का असर बंद होगा और आर्द्र हवाएँ चलनी शुरू होंगी। जिसके चलते 11 और 12 मई को उत्तरी हरियाणा में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, रोहतक और आसपास के भागों में धूल भरी आंधी चलेगी। साथ ही बादलों की गर्जना के साथ हल्की वर्षा होगी।
धीरे-धीरे बारिश तेज होगी और हमारा अनुमान है कि 13 और 14 मई को समूचे हरियाणा में बादलों की गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिलेगी।
इस दौरान जींद, झज्जर, सोनीपत और आसपास के शहरों में भारी वर्षा हो सकती है। इन्हीं 2 दिनों में बारिश के साथ कुछ समय के लिए 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। हवा की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है।
यह बारिश लू से निश्चित तौर पर राहत दिलाएगी क्योंकि तापमान में भारी कमी आएगी। मॉनसून आने में अभी बहुत देरी है ऐसे में यही प्री-मॉनसून वर्षा तेज़ गर्मी से बचाने के लिए वरदान का कम करेगी।
फसलों की बात करें तो हरियाणा में रबी फसलों की कटाई-मड़ाई लगभग हो चुकी है। लेकिन अगर देर से बोई गई फसल अभी खेतों में है तो जल्दी निपटा लें। क्योंकि 10 मई से 14 मई तक मौसम बिगड़ेगा।
दूसरी ओर बरसीम और सब्जियों की फसलों के लिए 8 और 9 मई तक मौसम चुनौती बनेगा। बाद में बारिश इन फसलों के लिए भी अच्छी रहेगी।
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