[Hindi] गुजरात का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान और किसानों के लिए फसल सलाह (2 से 8 जनवरी, 2020)

January 2, 2021 1:55 PM | Skymet Weather Team

आइये जानते हैं गुजरात में 2 से 8 जनवरी के बीच कैसा रहेगा मौसम।

गुजरात में इस सप्ताह तापमान बढ़ने से शीतलहर के प्रकोप से लोगों को राहत मिलेगी। खासतौर पर उत्तर-पूर्वी गुजरात और कच्छ के नलिया समेत आसपास के भागों में तापमान बढ़ेगा क्योंकि हवाओं का रुख पहले से ही बदल गया है।

गुजरात पर हवाएँ अरब सागर से होकर आ रही हैं। पूर्वी गुजरात और सौराष्ट्र के क्षेत्रों में विषेशरूप से अरब सागर से आर्द्र हवाएँ पहुँच रही रही हैं, जिससे इन भागों में 2 से 5 जनवरी के बीच आंशिक बादल छाए रहने और कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है। बारिश की उम्मीद बड़ोदरा, छोटा, उदयपुर, दाहोद, पंचमहल, महिसागर, अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाना, पाटन, साबरकांठा, पालनपुर, बनासकांठा में है।

सौराष्ट्र में भावनगर, अमरेली, सोमनाथ, जूनागढ़, वेरावल, पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, मोरबी, सुरेंद्रनगर, बोटाद, राजकोट में मौसम शुष्क रहेगा। लेकिन आशिक बादल छा सकते हैं। दूसरी ओर कच्छ में उत्तरी और उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाएं अभी भी जारी हैं और आने वाले दिनों में भी जारी रहेंगी जिससे इन भागों में तापमान सामान्य से नीचे बना रहेगा और नलिया समेत आसपास के कुछ इलाकों में शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा। 6 जनवरी से 8 जनवरी के बीच समूचे गुजरात में मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क रहने की संभावना।

इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर

मौसम के रुख में बदलाव को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि फसलों की नियमित निगरानी करते रहें क्योंकि इस समय कीटों और रोगों के संक्रमण की आशंका रहती है। यह समय रबी की ज़्यादातर फसलें वानस्पतिक वृद्धि की अवस्था में हैं। ऐसे में कीट और रोग अगर फसलों में फैलते हैं तो नुकसान काफी ज़्यादा हो सकता है।

कैस्टर यानि अरंडी की फसल में पत्ती एवं फल छेदक कीड़े के संक्रमण की आशंका है। इसका संक्रमण फूल निकलने की अवस्था में होता है और फसल के परिपक्व होने तक बना रहता है। इसके नियंत्रण के लिए क्विनालफॉस 20 मिलीलीटर या कोराज़ेन 10 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।

चने की फसल में नाइट्रोजन 20 किलोग्राम: फास्फोरस 40 किलोग्राम: सल्फर 20 किलोग्राम: के अनुपात में प्रति हेक्टेयर की दर से डालें। उर्वरकों का छिड़काव ऊपर से ना करें बल्कि इसे जमीन पर फैलाएं। ऊपर से छिड़काव करने से फसल की वानस्पति वृद्धि तेज़ी से होती है जिससे फूल निकलने में देरी होती है।

Image credit: The Indian Express

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