आइये जानते हैं गुजरात में 19 से 25 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा मौसम।
गुजरात के उत्तरी जिलों में पिछले सप्ताह उत्तर भारत के पहाड़ों से होकर आई ठंडी हवाओं ने मौसम को प्रभावित किया। न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री तक नीचे आ गए। हालांकि दक्षिणी जिलों में पूर्वी आर्द्र और गर्म हवाएँ चल रही हैं जिससे पारा सामान्य से 2-3 डिग्री ऊपर चल रहा है।
इस सप्ताह गुजरात में मौसम पूरी तरह से शुष्क रहने की संभावना है। उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी दिशा से चलने वाली शुष्क और ठंडी हवाओं के प्रभाव से गुजरात के अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान में कुछ और गिरावट आ सकती है। बनासकांठा, साबरकांठा, मेहसाना, पाटन, दिसा, इदार तथा अहमदाबाद आदि जिलों में सुबह और रात के समय ठंड और बढ़ सकती। दक्षिणी जिलों में भी न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास या सामान्य से कुछ नीचे जा सकते हैं। दिन में तेज धूप रहेगी परंतु ठंडी हवाएं चलती रहेंगी।
इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर
गेहूं की फसल में पहली सिंचाई बुआई के 20 से 25 दिन बाद क्राउन-रूट बनने की शुरुआती अवस्था में दें तथा उसके बाद यूरिया का उपरिनिवेशन 130 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से करें।
आरंडी की फसल में भी इस समय सिंचाई दी जा सकती है। अरंडी की फसल में नर फूलों की मात्रा कम रखने हेतु खेत में नमी बनाएँ रखें।
आलू की फसल में फुटाव के बाद किसी भी प्रकार के शाक-नाशी का प्रयोग न करें। आलू की फसल में उचित नमी का होना आति आवश्यक है। मिट्टी में 70% नमी बनी रहनी चाहिए।
मिर्ची की फसल में थ्रिप्स का प्रकोप पाए जाने पर ऊपरी पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं, इसकी रोकथाम के लिए फिप्रोनिल 20 मि.ली. या स्पाइनोसैड 10 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़कें। बेहतर परिणाम हेतु घोल में शैम्पू मिलाएँ।
जीरा व धनिया की फसल में सफ़ेद मक्खी के नियंत्रण हेतु खेत में पीला स्टिकी ट्रैप लगाएँ तथा 5 ग्राम थियामेथोक्सम या 3 मि.ली. उलाला 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
लहसुन व प्याज़ की फसल में माइट के प्रकोप के कारण पत्तियों को पीला पड़ने व सिकुड़ने से रोकने हेतु 10 मि.ली. ओमाइट 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
Image credit: Business-Line
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