आइए जानते हैं हरियाणा में 4 से 10 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल और क्या है इस सप्ताह फसलों से जुड़ी सलाह।
हरियाणा में अक्टूबर महीना पूरी तरह से सूखा बीता और नवंबर के भी शुरुआती दिन शुष्क रहे। बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई थी। नवंबर में हरियाणा के कुछ इलाकों में बारिश देखने को मिलती है। लेकिन इस सप्ताह बारिश होने के बिल्कुल भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम पूरी तरह से शुष्क ही बना रहेगा।
हरियाणा में दिन और रात के तापमान में हल्की गिरावट इसी तरह से जारी रहेगी। समय से पहले सर्दी की दस्तक से हरियाणा के कुछ भागों में शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं। उत्तर-पश्चिमी दिशा से हवाएं चलने के कारण नमी कम रहेगी तथा आसमान साफ बना रहेगा। 6-7 नवंबर से हवाओं की रफ्तार में थोड़ी वृद्धि भी हो सकती है।
हिसार, नारनौल, करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला जैसे तमाम जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है। हिसार में 3 नवंबर को सामान्य से 8 डिग्री कम 82 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया था। आज भी औसत से 6 डिग्री कम 10 डिग्री तापमान रहा।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
शुष्क मौसम को देखते हुए सुझाव है कि रबी फसलों की बिजाई जारी रखें। किसान बंधु शीघ्र ही गेहूँ, जौ, दलहनी, तिलहनी, मौसमी सब्जियों आदि की बिजाई सम्पन्न करें। अगर आपके खेतों में मंडूसी खरपतवार की समस्या होती है तो गेहूँ की बिजाई के तुरंत बाद पैन्डीमैथलीन 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। अच्छे परिणाम हेतु खेत में उचित नमी का होना जरुरी है।
गोभी सरसों की बिजाई के लिए जीएससी-6, जीएससी-7, जीएसएल-1, जीएसएल-2 आदि किस्मों में से बीजों का चयन करें। तोरिया, सरसों, बरसीम आदि फसलों में इस समय चितकबरा कीट (पेंटेड बग) व आरा मक्खी की सूँडी का प्रकोप हो सकता है, इसके नियंत्रण हेतु 200 मिली मेलाथियान 50 ईसी 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। बालों वाली सूँडी का प्रकोप होने पर 500 मिली एकालक्स 25 ईसी या 200 मिली नुवान ईसी को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें। फू
ल-गोभी की बिजाई के लिए भी अभी समय उपयुक्त है। किस्मों का चुनाव पूसा-स्नोबॉल-1 व पूसा-स्नोबॉल के-1 में से कर सकते हैं, प्रति एकड़ 250 ग्राम बीज प्रयोग करके बिजाई करें।
Image credit: The Hindu
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