[Hindi] उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (8-14 अक्टूबर, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

October 8, 2020 4:05 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं उत्तर प्रदे में 8 से 14 अक्टूबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा मध्य भागों से मॉनसून विदा हो चुका है। पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी जिलों में पिछले दो-तीन दिनों के दौरान वर्षा हुई है।

अगले 2 दिनों तक पूरे उत्तर प्रदेश में मौसम लगभग शुष्क बना रहेगा हालांकि पूर्वी जिलों में बादल छाए रह सकते हैं।

एक निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी पर 9 अक्टूबर के आसपास बनेगा तथा उसके प्रभाव से 11 अक्टूबर से पूर्वी जिलों में हल्की वर्षा शुरू हो सकती हैं। बारिश धीरे-धीरे मध्य जिलों की ओर बढ़ेगी तथा 14 अक्टूबर तक पूर्वी और मध्य जिलों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।

गोरखपुर, गोंडा, बस्ती, जौनपुर, प्रयागराज, वाराणसी, चित्रकूट, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर आदि ज़िले मुख्यतः प्रभावित होने वाले ज़िले होंगे। वर्षा होने और बादल छाने के कारण दिन के तापमान में कुछ कमी आ सकती है परंतु उमस बढ़ने की संभावना है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मौसम उस दौरान भी शुष्क ही बना रह सकता है।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

पश्चिमी उत्तर-प्रदेश में अगले कुछ दिनों के दौरान मौसम शुष्क बना रहेगा, ऐसे में किसानों को सुझाव है कि पक चुकी फसलों की कटाई शीघ्र सम्पन्न करें। धान की कटाई से 15 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना को देखते हुए सुझाव है कि कटी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखे और किसी भी प्रकार का छिड़काव करने से अभी बचें।

मूंग तथा उड़द की फलियों की शीघ्र चुनाई करें। खड़ी दलहनी फसलों में पानी के निकासी हेतु उचित उपाय करें।

रबी फसलों के लिए खेतों की तैयारी व बीजों और उर्वरकों की अग्रिम व्यवस्था करें। भारी वर्षा होने के कारण बहुत से क्षेत्रों में धान में स्वार्मिंग कैटरपिलर का प्रकोप बढ़ सकता है, इसके निदान के लिए खेत में कहीं-कहीं पक्षी बैठका लगाएं तथा मौसम साफ होने पर ट्राइजोफॉस 40 ईसी कीटनाशक का 10 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें और चारों ओर मेड़ों पर मैलाथियान 5% धूल का भुरकाव करें।

शरद्कालीन गन्ने की खेती 15 अक्टूबर के बाद शुरू कर दें। 

रबी दलहनी फसलें चना, मटर, मसूर इत्यादि की बुआई से पहले 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर ट्राइकोडरमा से भूमि सुधार करें।

दलहनी फसलों को राइजोबियम कल्चर से उपचार के बाद ही बीज की बुवाई करें। मूंगफली की फसल में इस समय कैटरपिलर का प्रकोप बढ़ सकता है, इसके नियंत्रण के लिए मौसम साफ होने पर इमामेक्टिन बेन्ज़ोएट कीटनाशक 20 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर साफ मौसम में छिड़कें।

Image credit: Live Mint

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