
आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 29 अक्टूबर से 4 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
इस सप्ताह भी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। मॉनसून समूचे उत्तर प्रदेश से इस साल काफी देर से विदा हुआ लेकिन बारिश की गतिविधियां लंबे समय से देखने को नहीं मिली हैं।
1 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 97% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई। पश्चिमी भागों में तो 100% की कमी रही। यानि एक भी बूंद बीते एक महीने में नहीं गिरी है। इस दौरान पूर्वी भागों में औसतन 37 मिमी बारिश होती है और पश्चिमी हिस्सों में लगभग 22 मिमी वर्षा होती है।
इस सप्ताह मौसम शुष्क रहेगा और हल्की से मध्यम गति से तराई क्षेत्रों में पूर्वी जबकि दक्षिणी भागों में पश्चिमी हवाएँ चलेंगी। हालांकि हवाओं की रफ्तार कम होने के कारण सुबह और रात के समय कुहासा जबकि दिन में धुंध छाई रहेगी।
तापमान अधिकांश भागों में सामान्य के आसपास बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए सलाह है कि तैयार हो चुकी धान की अगेती क़िस्मों की फसलों की कटाई करें। खरीफ की फसलों की कटाई के पश्चात रबी फसलों के लिए खेतों की तैयारी शुरू कर दें।
इसी क्रम में मिट्टी का नमूना सॉइल टेस्टिंग लैब में भेजें और सॉइल हैल्थ कार्ड प्राप्त करें ताकि आगामी रबी फसलों में उर्वरकों का इस्तेमाल मिट्टी के स्वस्थ्य के अनुसार कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकें। आगामी फसलों के लिए विश्वसनीय श्रोतों से उन्नत किस्म के बीज खरीदें। गेहूं की बुवाई 15-20 नवम्बर तक पूरी कर लेना उचित है।
पी.बी.डबल्यू-343, पी.बी.डबल्यू-502, बी.बी.डबल्यू-39, यू.पी-2382, एच.यू.डबल्यू-510 आदि उन्नत किस्में हैं। असिंचित क्षेत्रों में बुवाई के लिए के-8027, के-8962, देवा व गोमती अच्छी किस्में हैं।
मटर की बुवाई करने के लिए भी अभी समय उपयुक्त है, बीजों का चुनाव पन्त मटर-5, रचना, मालवीय मटर-15, अपर्णा मालवीय मटर-2, शिखा आदि किस्मों में से किया जा सकता है।
मसूर की बुवाई भी नवम्बर के पहले पखवाड़े तक सम्पन्न कर लें। पंत मसूर-4, पंत मसूर-5 और नरेंद्र मसूर आदि में से किस्मों का चुनाव किया जा सकता है।
सिंचाई की समुचित व्यवस्था होने पर रबी मक्का की बुआई इन दिनों की जा सकती है। गाजर, मूली, गोभी, मटर व अन्य सब्जियों के बिजाई के लिए भी मौसम उचित है। आलू की बुवाई यदि अभी तक न की हो तो शीघ्र पूरी करें।
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