आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 26 नवंबर से 2 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश देखी गई है। 25 और 26 नवंबर के बीच मेरठ तथा उसके आसपास के इलाकों में हल्की बारिश की गतिविधियां हुई हैं।
26 नवंबर तक उत्तर प्रदेश के कई भागों में हल्के बादल छाए रहेंगे तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश की संभावना है। एक-दो स्थानों पर मध्यम वर्षा भी हो सकती है। 27 नवंबर से पूरे उत्तर प्रदेश का मौसम शुष्क हो जाएगा तथा न्यूनतम तापमान में कुछ गिरावट होने की संभावना है। यह गिरावट उत्तर पश्चिम दिशा से ठंडी व शुष्क हवाओं के चलते हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई गई है वहाँ के किसानो को सुझाव दिया जाता है की कटी हुई फसलों की सुरक्षा सुनिशित करे, सिंचाई व उर्वरको के छिड़कावों को अभी स्थगित करें। अन्य क्षेत्रों में खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दें।
मक्के की फसल में बुवाई के 25-30 दिन बाद पहली सिंचाई दें। मक्के में बुवाई के 30-35 दिन बाद यूरिया का छिड़काव 87 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से दें। मटर की फसल में बुवाई के 40-45 दिन बाद पहली सिंचाई दें तथा 6-7 दिन बाद ओट आने पर हल्की गुड़ाई भी कर दें।
चने की फसल में 30-35 दिन बाद निराई-गुड़ाई करें। मौसम में बदलाव के कारण फसलों में रोगो व कीटो का प्रकोप हो सकता है, इसलिए फसलों का नियमित निरक्षण करते रहें व उत्पत्ति होने पर उचित उपचार करें। चने की फसल में फली छेदक सुंडी के नियंत्रण के लिए 200 मि.ली. मोनोक्रोटोफास 36 एस.एल. या 400 मि.ली. एंडोसल्फान 35 ई.सी. या 400 ग्राम कार्बेरिल 50 घु पा को 100 लीटर पानी में मिलकर प्रति एकड़ छिड़के।
आलू की फसल यदि 30-32 दिन की हो चुकी हो तो मिट्टी चढ़ाने का काम सम्पन्न करें। मौसमी सब्जियों जैसे गाजर, पालक, साग, बथुआ, मटर आदि की बुवाई का काम भी शीघ्र ही सम्पन्न करें। पूर्व में लगाई हुई सब्जियों की फसल में निराई गुड़ाई करें वा 15 से 20 दिन की फसलों में नत्रजन की शेष मात्रा का उपरिनिवेशन करें। फसलों में खर-पतवारों का निरीक्षण करते रहें व उत्तपत्ति होने पर तुरंत उचित उपचार करें।
Image credit: The Economic Times
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