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आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 19 से 25 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश में लंबे समय बाद पिछले हफ्ते बारिश दर्ज की गई। विशेषतौर पश्चिमी हिस्सों में सूखे मौसम का लंबा दौर देखने को मिला। 15 और 16 नवंबर को राज्य की राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में हल्की से मध्यम वर्षा हुई।
पूर्वी दिशा से चलने वाली हवाओं तथा बादलों के कारण उत्तर प्रदेश में अधिकांश भागों के न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है। दक्षिण पूर्वी जिलों बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज तथा मिर्जापुर में भी गत सप्ताह बारिश ने मौसम का रुख बदला।
इस सप्ताह समूचे राज्य पर 19 नवंबर से ही मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा तथा उत्तर पश्चिमी दिशा शुष्क हवाएं चलने लगेंगी। इन ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट होगी। 21 नवंबर से उत्तर प्रदेश के अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कुछ नीचे पहुँच सकते हैं जिससे सर्दी की शुरुआत हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
राज्य में मुख्यतः शुष्क मौसम के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि रबी की फसलों खासकर आलू, सरसों, राया में उचित सिंचाई दें, अन्यथा उपज में कमी आ सकती है। 20 से 25 दिन पहले बोई गई गेहूं की फसल में पहली सिंचाई दें और सिंचाई के 3-5 दिन बाद फसल में उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें।
सरसों की फसल में इस समय आरा मक्खी का प्रकोप जा सकता है। इसकी रोकथाम के लिए कर्बेरिल 5% पाउडर का छिड़काव 25 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से प्रातः या शाम के समय करें।
मौसमी सब्जियों और प्याज़ की बिजाई करने के लिए मौसम अनुकूल रहेगा। अरहर में उकठा रोग के लक्षण जहां दिखाई दें, वहाँ कार्बेण्डाजिम तथा मैनकोज़ेब के संयुक्त उत्पाद की 1.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव करें।
Image credit: The Hindu
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