आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 12 से 18 नवंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर से अब तक बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग शुष्क है बना रहा है। हालांकि अक्टूबर के पहले पखवाड़े में छिटपुट बारिश हुई थी, लेकिन यहाँ बारिश में 97% की कमी है। दूसरी ओर पश्चिमी भागों में 100% की कमी बनी हुई है।
इस सप्ताह उत्तर प्रदेश में पूर्वी दिशा से हवाएं चल रही हैं जिसके कारण अधिकांश भागों में न्यूनतम तापमान में हल्की वृद्धि होने की संभावना है। 15 नवंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में हल्की बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती हैं। अनुमान है कि मथुरा हाथरस, अलीगढ़, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा तथा मैनपुरी आदि जिलों में छिटपुट बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। साथ ही साथ सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर में भी हल्की वर्षा की संभावना बन रही है। मेरठ और गाजियाबाद में भी बूंदाबांदी हल्की वर्षा हो सकती है।
जबकि लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मौसम पूरे सप्ताह शुष्क और साफ बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
15 से 16 नवंबर के बीच पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के कुछ हिस्सों में संभावित वर्षा को देखते हुए, तैयार फसलों की कटाई और मड़ाई तत्काल निपटाएं। धान की कटाई के पश्चात अनाज को संग्रहित करने से पहले सुनिशित करें की उसमें नमी 12% से अधिक न हो।
मौसम अनुकूल रहने पर रबी फसलों की बुआई जारी रखें। मटर और चने की बुआई यदि न की हो तो शीघ्र ही सम्पन्न करें, अन्यथा उपज पर असर पड़ सकता है। काबुली चने की बुआई के लिए सदाबहार, पूसा-1003 तथा पूसा-267 आदि किस्मों में से बीजों का चुनाव कर सकते हैं।
सरसों की बुआई हेतु नरेंद्र सरसों-2, नरेंद्र अगेती राई-4, कांति, वरुना आदि उन्नत किस्में हैं। जिन क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है वहाँ फसलों में आवशयकतानुसार सिंचाई देते रहें। पछेती फूल गोभी, बंदगोभी व ब्रोकली की नर्सरी तैयार करने के लिए मौसम उपयुक्त है।
आलू की उन्नत किस्में कुफरी ज्योति, कुफरी बादशाह, कुफरी अलंकार, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी बहार आदि हैं। अच्छी उपज के लिए 2 ग्राम मेन्कोजेब तथा 1 ग्राम कार्बेण्डाजिम का एक लीटर पानी में घोल तैयार करें और बीज को पाँच मिनट भिगोकर रखें तथा इसके बाद किसी छायादार स्थान में सुखाकर बुआई करें।
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