आइए जानते हैं 7 मई 14 मई के बीच कैसा रहेगा उत्तर प्रदेश में मौसम का हाल।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों के दौरान काफी अच्छी बारिश देखने को मिली है। अब राज्य में मौसम शुष्क हो जाएगा। अनुमान है कि 7 से 9 मई के बीच उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों मौसम लगभग पूरी तरह से शुष्क तथा गर्म बना रहेगा। दिन के तापमान में भी वृद्धि होने की संभावना है।
हालांकि 9 मई से फिर मौसम करवट लेगा और अनुमान है कि 9-10 मई को उत्तर भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ आएगा जिसके कारण उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश शुरू हो सकती है। 12 और 13 मई को उत्तर प्रदेश के मध्य तथा पूर्वी जिलों में भी हल्की बारिश होने की संभावना है।
इस सप्ताह भी रुक-रुक कर कुछ इलाकों में बारिश की संभावना के बावजूद उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में लू जैसी स्थितियां बन सकती है। यानि उत्तर प्रदेश को अब गर्मी से मुक़ाबले के लिए तैयार रहना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
अगले कुछ दिनों में मौसम के मुख्यतः शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि गेहूं की कटाई, गहाई व भंडारण के कार्यो को शीघ्र सम्पन्न करें। यदि बारिश के कारण कहीं खेत में पानी जमा हो गया हो तो उसे तत्काल निकाल दें।
गर्मी में मिट्टी पलटने वाले हल से खेतों की एक गहरी जुताई अवश्य करें। इससे मृदा की संरचना में सुधार, जल धारण की क्षमता में बढ़ोतरी, मिट्टी में पलने वाले हानिकारक कीटों और रोगों से नियंत्रण, खरपतवारों के खात्मे के साथ आगामी फसल के लिए मिट्टी में सुधार होता है। जुताई से पहले मिट्टी की जांच करा लें ताकि आगामी फसल में उपयुक्त उर्वरकों का प्रयोग कर सकें।
हाल ही में कई इलाकों में हुई वर्षा के कारण मिट्टी में पर्याप्त नमी बनी हुई है, ऐसे में हरे चारे हेतु ढेंचा, सनई, लोबिया आदि की बुवाई भी की जा सकती है। हरी खाद के लिए ऐसी फसलों का चयन करें जो तेज़ी से बढ़ जाती है।
मूंग में येलो वेन मोजैक विषाणु रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां पीली होकर कुकड़ी दिखती हैं, इसे खेत से निकालकर मिट्टी में दबा दें। यह रोग जैसीड, एफिड, सफेद मक्खी जैसे कीटों से फैलता है, इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल किटनाशक की 1 मि.ली. मात्रा प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
गन्ने की फसल में यदि तना-भेदक कीट का प्रकोप हो तो सिंचाई के बाद कार्बोफ्यूरान 3 जी को 33-35 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से जड़ों के पास छिड़काव करें।
Image credit: Ronnieborr
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