[Hindi] उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (28 मई से 3 जून, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

May 28, 2020 12:47 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं 28 मई से 3 जून के बीच कैसा रहेगा उत्तर प्रदेश में मौसम का हाल।

उत्तर प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर पिछले सप्ताह मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क बना रहा। हालांकि 26 और 27 मई को कुछ हिस्सों में बारिश दर्ज की गई। तो दूसरी ओर बांदा और झाँसी समेत दक्षिणी जिलों में तापमान 45-46 डिग्री तक रिकॉर्ड किया गया।

अब उत्तर प्रदेश में वर्षा की गतिविधियां बढ़ेंगी तथा दिन के तापमान में काफी गिरावट आएगी। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश में पूर्वी भागों से लेकर मध्य और पश्चिमी भागों तक अगले 3-4 दिन बारिश का मौसम बना रहेगा। इस दौरान कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा हो सकती है तो कुछ जगहों पर हल्की बारिश के आसार हैं। हालांकि कुछ इलाए ऐसे भी होंगे जहां बारिश नहीं होगी।

स्काइमेट के अनुसार पूरे हफ्ते उत्तर प्रदेश पर हवाओं में नमी अधिक बनी रहेगी जिससे हल्की बारिश तथा आंधी के लिए कभी भी मौसम बन सकता है। बारिश के कारण राज्य के लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी और खेती का काम भी आगे बढ़ेगा।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

आगामी दिनों में वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है की कटी फसलों और तोड़े हुए फलों व सब्जियों को सुरक्षित स्थानों पर रखें। किसी भी प्रकार छिड़काव अभी न करें। खेतों में नालियाँ व मेडियाँ बनाए जिससे खेतों में जल प्रबंधन अपनी ज़रूरत के अनुसार कर सकें। अगर संभव हो तो बारिश के पानी संग्रहण करें।

फसलों की नियमित निगरानी करते रहें। खर-पतवारों की उत्तपत्ति न होने दें। कीटो व रोगो की भी निगरानी करते रहें।अगरकोई रोग प्रारम्भिक अवस्था में हो तो प्रभावित पौधो को खेत से निकाल कर नष्ट करे दें व मौसम साफ हो जाने पर उचित उपचार व छिड़काव करें।

गन्ने की फसल में पाइरिल्ला व फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप का खतरा है। इसलिए गन्ने की फसल की नियमित निगरानी करें ताकि समय रहते उपचार किया जा सके।

मौसम साफ होने पर खरीफ फसलों के लिए खेत तैयार करें व बीजो की पहले से व्यवस्था कर लें। अरहर की उन्नत पारस मानक, UPAS-120, पूसा- 2001पूसा- 991, पूसा- 992 आदि हैं। अरहर के बीजों को बोने से पहले उपयुक्त राईजोबियम तथा फास्फोरस में घुलनशील बेक्टीरिया से अवश्य उपचार कर लें, ऐसा करने से अंकुरण अच्छा होगा व उपज में वृद्धि होगी। बुवाई से पहले मिट्टी की जांच अवश्य करवा लें। मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करें।

Image credit: Flickr

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