आइए जानते हैं 14 मई 20 मई के बीच कैसा रहेगा उत्तर प्रदेश में मौसम का हाल और क्या है राज्य की कृषि के लिए हमारे पास फसलों से जुड़ी सलाह।
पिछले 2 दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के पश्चिमी तथा मध्य भागों में वर्षा और धूल भरी आंधी की गतिविधियां देखने को मिली हैं। हालांकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में सभी जगहों पर मौसम शुष्क बना रहा। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव आज यानि 14 मई को भी उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी जिलों में देखा जा सकता है। इन जिलों में छिटपुट बारिश तथा धूल भरी आंधी चल सकती है।
15 मई से 20 मई के बीच समूचे उत्तर प्रदेश में मौसम लगभग शुष्क बने रहने की संभावना है। दिन के तापमान में अब धीरे-धीरे वृद्धि होने लगेगी जिससे दिन के समय प्रचंड गर्मी की झलक दिखाई देगी। हालांकि सप्ताह के आखिर में यानि 19-20 मई को उत्तर प्रदेश के पूर्वी तराई क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर हल्की प्री-मॉनसून बारिश हो सकती है।
इस सप्ताह मिर्ज़ापुर, प्रयागराज, बांदा, झाँसी, कानपुर, चित्रकूट, आगरा, जैसे दक्षिणी जिलों में इस सप्ताह तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच सकता है। कुछ हिस्सों में 42 तक पहुँच सकता है पारा।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
तापमान में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए किसानों को चाहिए की सब्जियों और अन्य खड़ी फसलों में उचित नमी बनाए रख के लिए सिंचाई करते रहें।
खेतों की गहरी जुताई का काम इन दिनों किया जा सकता है। परती जमीन की डिस्क प्लौ या दूसरे मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें। लवणीय और क्षारीय मिट्टियों में आगामी खरीफ की अच्छी फसल लेने हेतु जिप्सम या गंधक डालने से पहले खेत की गहरी जुताई एवं समतलीकरण का कार्य अवश्य पूरी कर लें।
खरीफ में धान, मक्का, ज्वार आदि की सफल खेती हेतु जैविक खाद/कंपोस्ट आदि मिट्टी में डालकर भली-भांति मिलाएं। जिन इलाकों में सिंचाई की सुविधा हो वहाँ धान की देर एवं मध्यम समय में तैयार होने वाली किस्मों की पौध मई के अंतिम सप्ताह से जून के दूसरे सप्ताह के दौरान ड़ाल लें।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में गन्ने की फसल में फॉल आर्मी कीट का प्रकोप देखा जा रहा है, यह कीट तेज़ी से फसल को नुकसान पहुँचता है, इसलिए फसलों के नियमित निरक्षण करते रहें, कीट की मादा पत्तियों पर अंडे देती हैं, जो 50-200 के गुच्छों में होते हैं। इसके नियंत्रण के लिए 800 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस 20% ई.सी. या 800 मि.ली. क्यूनोलफॉस 25 ई.सी. या 750 मि.ली. साइपर का घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है।
किसान बंधु फेरोमोन ट्रैप का भी प्रयोग कर सकते है, एक हेक्टर में 10 ट्रैप लगाना उचित होगा।
गन्ना शोध परिषद के निदेशक द्वारा किसानों को सलाह जारी की गई है की गन्ने की फसल पर दिन में सूड़ियों द्वारा पत्तियों को खाते हुए देखें तो सम्बन्धित चीनी मिल, गन्ना विकास परिषद अथवा परिषद की हेल्पलाइन 05842-222509 पर संपर्क करें।
किसान कीट वैज्ञानिक डा. अरुन सिंह के मोबाइल नंबर 6389025350 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।
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