उत्तर प्रदेश में बारिश के लिए मौसम अनुकूल है। 4 मार्च की रात से बारिश शुरू हो गई है। लखनऊ और बरेली समेत कई जगहों पर बारिश रिकॉर्ड की गई है। 5 मार्च से ही राज्य के कई हिस्सों में बारिश बढ़ जाएगी। उत्तर प्रदेश में 5 और 6 मार्च को मध्यम बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना है। एक-दो जगह तेज़ बारिश भी हो सकती है। पहले राज्य के पश्चिमी भागों में अच्छी वर्षा होगी उसके बाद पूर्वी हिस्सों पर भी बारिश बढ़ जाएगी।
7 मार्च से उत्तर प्रदेश में मौसम फिर से शुष्क होने लगेगा। गतिविधियां काफी कम हो जाएंगी। हालांकि कुछ स्थानों पर आंशिक बादल 7 को भी छाए रह सकते हैं और हल्की वर्षा भी हो सकती है। उसके बाद 8 और 9 मार्च यानि रविवार और सोमवार को राज्य के ज्यादातर भागों में मौसम शुष्क हो जाएगा।
दो दिनों के अंतराल के बाद 10 मार्च को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आएगा जिसके चलते उत्तर प्रदेश में फिर से बारिश शुरू होगी। बारिश का अगला स्पेल 11 और 12 मार्च को देखने को मिलेगा। हालांकि यह तीव्रता वर्तमान स्पेल से अधिक होगी।
किसानों के लिए फसल सलाह
तेज़ आँधी के साथ वर्षा और ओलावृष्टि के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खड़ी व काटी जा चुकी फसलों की सुरक्षा सुनिशित करें। सभी प्रकार के छिड़काव, बुआई और सिंचाई को अभी स्थगित करें।
8 और 9 मार्च को जब मौसम में सुधार आ जाए तो फसलों का निरीक्षण करें। क्षतिग्रस्त पौधों को निकाल कर अलग करें। जल जमाव हो जाने की स्थिति में जल निकासी के उचित उपाय करें। हालांकि, छिड़काव व दवाओं का प्रयोग इस दौरान भी न करें तो बेहतर होगा क्योंकि 10 मार्च से फिर एक बार फिर वर्षा की संभावना है।
मौसम में बदलाव के कारण चने की फसल में हेलकोभर्पा कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। इसके नियंत्रण के लिए NPV 250 LE प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। मौसम साफ हो जाने पर आलू के भंडार हेतु परिपक्व आलू की खुदाई करें। मध्य मार्च तक सभी प्रकार की आलू की खुदाई सम्पन्न कर लें।
Image credit: Ronnieborr
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