उत्तर प्रदेश में इस सप्ताह यानि 26 मार्च से 1 अप्रैल के बीच मौसम कभी बारिश का रहेगा तो कभी साफ आसमान होगा। 26 मार्च को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बारिश के आसार हैं। जबकि 26 और 27 मार्च को राज्य के पश्चिम के अलावा मध्य भागों में भी हल्की वर्षा हो सकती है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी 26 और 27 मार्च को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने के आसार हैं। हालांकि बारिश का यह स्पेल बहुत तीव्र नहीं होगा। मुख्यतः हल्की बारिश होगी। एक-दो स्थानों पर मध्यम वर्षा की संभावना है।
इन दो दिनों के दौरान 26 मार्च को नोएडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी में बारिश के आसार हैं।
जबकि 27 मार्च को बारिश का दायरा कुछ बढ़ जाएगा और मेरठ, सहारनपुर, बरेली, शाहजहाँपुर, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर, गोंडा, बस्ती, बहराइच, गोरखपुर, जौनपुर, आजमगढ़, देवरिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर सहित लगभग सभी शहरों में बाइश देखने को मिल सकती है।
28 से 30 मार्च के बीच मौसम पूरे राज्य में साफ और शुष्क होगा। उसके बाद 31 मार्च को पश्चिमी और मध्य प्रदेश से सटे दक्षिणी भागों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। जबकि 1 अप्रैल से दोबारा उत्तर प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा।
इस मौसम का फसलों पर कैसा होगा असर
पिछले दिनों हुई वर्षा तथा आने वाले दिनों में संभावित वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि फसलों में अभी सिंचाई न दें। काटी जा चुकी फसलों का सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित करें। फसलों की कटाई से पहले खलिहानों हेतु ऐसे उचित स्थान का चुनाव करें जो बिजली की लाइन और खंभों के आसपास न हो तथा थोड़ा ऊँचा हो। खेत खलिहानों के पास पानी की भरी टंकी और रेत से भरी बाल्टी रखें।
गेहूँ एवं अन्य फसलों की कटाई फसल अवशेष न जलाएँ, खेत में फसल अवशेष जलाने से मिट्टी में उपलब्ध कार्बोनिक पदार्थ व लाभदायक सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। इससे मिट्टी की संरचना खराब होने और कठोर होने से उसकी जल धारण क्षमता एवं उर्वराशक्ति कम हो जाती है। फसल अवशेष जलाने से वातावरण भी प्रदूषित होता है।
ग्रीष्म कालीन सब्जियों की बुआई इस समय की जा सकती है, लेकिन बुआई मौसम साफ होने पर ही करें। भिंडी की सीधी बुवाई के लिए अर्का, अनामिका, परबनी क्रांति आदि, लोबिया के लिए पूसा कोमल व पूसा सुकोमल तथा लौकी के लिए पूसा नवीन व पूसा संदेश आदि किस्मों का चुनाव किया जा सकता है।
Image credit: Asia Nikkei
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।