उत्तर प्रदेश के कई भागों में होली की शाम से हल्की बारिश जारी है। अब 12 मार्च की दोपहर से बारिश की गतिविधियां पश्चिमी तथा मध्य जिलों में बढ़ सकती है। 13 मार्च की सुबह से 14 मार्च की सुबह तक उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज़ हवाएँ भी चल सकती हैं। बारिश के साथ ओलावृष्टि की भी आशंका है।
मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, एटा, इटावा, मथुरा, आगरा, बांदा, झाँसी, चित्रकूट, प्रतापगढ़, जौनपुर, प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र सहित कई ज़िले प्रभावित हो सकते हैं। बारिश होने और बादल छाए रहने के कारण उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में अगले दो दिनों के दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहेगा।
उत्तर प्रदेश में 15 मार्च से मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा। हालांकि एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना 15 मार्च तक बनी रहेगी। बारिश की गतिविधियां बंद होने और मौसम साफ होने के कारण 16 मार्च से राज्य में दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी होनी शुरू हो जाएगी। साथ ही तेज़ रफ्तार वाली पश्चिमी हवाएँ चलना भी शुरू होंगी।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन इलाकों में वर्षा की संभावना है, वहाँ अभी सिंचाई व छिड़काव न करें। जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना है वहाँ फसलों व पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का उपाय करें। मौसम में निरंतर हो रहे परिवर्तनों के कारण कीटों व रोगों का प्रकोप हो सकता है। ऐसे में फसलों की निगरानी करते रहें और मौसम साफ होने के बाद रोग या कीट प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें। साथ ही छिड़काव भी करें।
राई व सरसों की फसलों में माहू का प्रकोप हो तो 1 लीटर क्लोरोपाइरीफॉस 600-750 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कें। छिड़काव साफ दिनों में ही करें। फसल की कटाई के बाद खाली हो चुके खेतों की जुताई करके भली-भांति खेत तैयार कर कद्दू, करैला, भिंडी, तरबूज, खरबूज जैसे फलों और सब्जियों तथा मूँग, लोबिया इत्यादि दलहनी फसलों की बुआई करें।
बुवाई के पहले सभी प्रकार के बीजों को उचित फफूँदनाशक से उपचारित करें। सर्दी में बोए गए गन्ने के खेतों में निराई-गुड़ाई करें तथा खरपतवार को खेत से अलग करें।
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