आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 9 से 15 जुलाई के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
पूर्वी उत्तर प्रदेश में मानसून का प्रदर्शन अब तक सामान्य से काफी बेहतर रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 73% अधिक वर्षा हो चुकी है। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 26% कम वर्षा हुई है।
मॉनसून की रेखा उत्तर दिशा में अग्रसर है। उत्तर प्रदेश में अब बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी। 9 जुलाई से 15 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना है। वर्षा की गतिविधियां पूर्वी उत्तर प्रदेश में अधिक रहेंगी। 9 से 12 जुलाई के बीच गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखीमपुर खेरी, पीलीभीत, रामपुर, आदि जिलों में भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने की आशंका है।
10 जुलाई तक आजमगढ़ सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, फैजाबाद आदि जिलों में भी भारी वर्षा होने की संभावना बन रही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत वर्षा की गतिविधियां कम रहेगी परंतु मध्यम वर्षा के साथ-साथ तराई के इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्षा जारी रहने के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें। धान की रोपाई शीघ्र ही पूरी करें। 21 दिन की पौध रोपाई के लिए उत्तम होती है। हरी खाद के लिए लगाए गए मूँग, ढ़ैचा, सनई आदि फसलों को मिट्टी में मिला कर, पानी में 7 से 8 दिनों तक सड़ने के लिए खेत में छोड़ दें।
अरहर की बुवाई के लिए समय उपयुक्त है। लेकिन मौसम अनुकूल होने पर ही बुवाई करें।
गन्ने की फसल में इस समय खरपतवार बढ़ सकती है, इसके नियन्त्रण हेतु खुदाई करके मेड़ों की पंक्तियों पर मिट्टी चढ़ा दें। खेतो में पानी न जमा होने दें। मध्य जुलाई के आस पास भूमि की सतह से 1.5 मीटर ऊँचाई पर गन्ने की पहली बँधाई करें तथा सूखे हुये पत्तों की छटाई कर दें।
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