उत्तर प्रदेश में 28 जनवरी से 3 फरवरी के बीच संभावित मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह
उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से घने कोहरे और शीतलहर का प्रकोप जारी है जिसके प्रभाव से दिन के तापमान सामान्य से काफी कम बने हुए हैं। नजीबाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई लखनऊ आदि जिलों में अधिकतम तापमान 16 डिग्री से भी कम बने हुए हैं। बाकी जिलों में भी दिन के तापमान सामान्य से नीचे रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।
पिछले सप्ताह राज्य में लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क बना हुआ था। इस सप्ताह भी पूरब से लेकर मध्य और पश्चिमी हिस्सों तक वर्षा के आसार नहीं हैं। हालांकि 28 और 29 जनवरी को चित्रकूट, बांदा, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र और वाराणसी आदि जिलों में अगले 2 दिनों के दौरान आंशिक बादल छा सकते हैं।
अगले दो दिनों तक उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। उसके बाद कोहरे की सघनता में धीरे-धीरे कमी आनी शुरू हो जाएगी जिससे दिन के तापमान बढ़ेंगे और दिन में भीषण सर्दी से लोगों को राहत मिलेगी। दिन में धूप निकलना शुरू हो जाएगी तथा कोल्ड डे कंडीशन भी हट जाएंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी भी कुछ स्थानों पर शीतलहर जारी है जो 2 दिनों के बाद समाप्त होगी। लेकिन उससे पहले यानि 29 और 30 जनवरी तक सामान्य से नीचे चल रहे दिन व रात के तापमान के चलते पश्चिमी जिलों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की भी संभावना है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
शुष्क मौसम की संभावना को ध्यान में रखते हुए हमारा सुझाव है कि फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दे सकते हैं। हालांकि सिंचाई करते समय हवाओं की गति को ध्यान में रखें। साथ ही फसलों को अत्यधिक ठंडी से बचाने के लिए भी उपयुक्त उपाय करें।
दलहनी तथा अन्य रबी फसलों पर लाही का प्रकोप इस समय हो सकता है। उपचार हेतु ऑक्सीडेमीटोन मिथाईल 25ईसी 1 मिली प्रतिलीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। चने की फसल में फूल आने की अवस्था में फली छेदक कीट का प्रकोप हो सकता है। बचाव हेतु 3-4 फेरोमोन ट्रेप प्रति एकड़ लगाएँ।
फसलों में अवश्यतानुसार नमी बनाए रखें और कीटों व रोगों की नियमित निगरानी करते रहें। मिर्ची, टमाटर व बैंगन की नर्सरी अभी तैयार की जा सकती है, अच्छे परिणाम के लिए नर्सरी पोली-हाउस में तैयार करें।
Image credit: Business and Sustainable Development Commission
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