उत्तर प्रदेश में 21 से 27 जनवरी के बीच संभावित मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस साल जनवरी महीने में अब तक काफी अच्छी वर्षा हुई है। 1 जनवरी से 20 जनवरी के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 99% अधिक वर्षा प्राप्त हुई है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में नए साल के इन 20 दिनों में सामान्य से 95% कम वर्षा हुई है।
पिछले 1 सप्ताह से उत्तर प्रदेश के लगभग सभी भागों में मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है तथा रात के तापमान अधिकांश जगहों पर सामान्य से कुछ ऊपर चल रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में कुछ पिछले सप्ताह के शुरुआती दौर में कोल्ड डे कंडीशन बनी हुई थी। लेकिन अब बहराइच और उसके आसपास के इलाकों को छोड़कर बाकी हिस्सों में दिन के तापमान में वृद्धि शुरू हो गई है।
इस सप्ताह भी उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क बना रहेगा। हालांकि 23 और 24 जनवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाकों में कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है। बारिश के आसार मुख्यतः मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, बरेली तथा मुरादाबाद और आसपास के जिलों में हैं। शेष पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इस दौरान आंशिक बादल छा सकते हैं। हालांकि आगरा, मथुरा, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर समेत उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
इस बीच 21-22 जनवरी को कोल्ड डे कंडीशन से लोगों को राहत मिल जाएगी। दिन के तापमान में कुछ वृद्धि होगी। हालांकि 22 और 23 जनवरी तक उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में उत्तर पश्चिमी दिशा से तेज हवाएं चलती रहेंगी जिससे दिन में धूप निकलने के बावजूद सर्दी का एहसास बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश के अनुमान को देखते हुए किसानों को सलाह है कि इन भागों में उर्वरकों व दवाओं का प्रयोग इस सप्ताह के मध्य तक न करें। साथ ही इन भागों में 24 जनवरी तक सिंचाई भी न करें।
बाकी उत्तर प्रदेश के जिलों में शुष्क मौसम की संभावना को ध्यान में रखते हुए हमारा सुझाव है कि फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई दे सकते हैं। हालांकि सिंचाई करते समय हवाओं की गति को ध्यान में रखें।
चने की फसल पुष्पन की अवस्था में है और दाने भी बनने लगे हैं ऐसे में फली छेदक का प्रकोप होने की आशंका रहती है। इसकी रोकथाम के लिए प्रति एकड़ 3-4 फेरोमोन ट्रेप लगाए जा सकते हैं।
चने की फसल में इस समय झुलसा रोग की आशंका है। रोकथाम के लिए जाइरम 80 WP 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से फूल आने के पहले छिड़काव करें।
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