आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 3 से 9 दिसम्बर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
25 नवंबर के बाद से उत्तर प्रदेश में लगभग पूरी तरह से सभी भागों में मौसम शुष्क बना हुआ है। 25 नवंबर को राज्य के उत्तर-पश्चिमी जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में तापमान सामान्य के आसपास बने हुए हैं। पूरे राज्य में इस सप्ताह के लगभग सभी दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ 4 दिसम्बर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा उसके कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान में कुछ वृद्धि हो सकती है।
सुबह के समय कई स्थानों पर धुंध तथा कुहासा छा सकता है। अभी फिलहाल उत्तर प्रदेश में शीतलहर की संभावना दिखाई नहीं दे रही है हालांकि 10 दिसंबर के बाद न्यूनतम तापमान में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है, जिससे 10 दिसम्बर के बाद आगरा, मथुरा, अलीगढ़, शाहजहाँपुर, बरेली, लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों पर शीतलहर का शिकंजा शुरू हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
मौसम के शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए किसानो को सुझाव है कि खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। मौसम में हो रहे बदलावों के कारण फसलों में कीटो व रोगो का प्रकोप इस समय बढ़ सकता है, इसलिए फसलों का नियमित निरक्षण करते रहें व उत्तपत्ति होने पर उचित उपाय करें। सब्जियों तथा अन्य फसलों में इस समय दीमक का प्रकोप पाया जा सकता है, इसकी रोकथाम के लिए सिंचाई के पानी के साथ क्लोरोपाइरीफॉस 20 ई.सी. को 4 मि.ली. प्रति लीटर पानी के साथ घोलकर छिड़काव करें।
बैंगन, फूल-गोभी, टमाटर तथा प्याज़ आदि की रोपाई इन दिनों की जा सकती है। सरसों की फसल अगर 30-35 दिन की हो चुकी हो तो पहली सिंचाई शीघ्र करें और फसल में चितकबरे कीट की नियमित निगरानी करते रहें। गेहूं की 20-25 दिन की फसल में भी पहली सिंचाई देने का काम सम्पन्न करें व सिंचाई के 3-4 दिन उर्वरक की शेष मात्रा का उपनिवेशन करें।
Image credit: The Economic Times
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