उत्तर प्रदेश में 24 से 30 दिसम्बर के बीच संभावित मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह
उत्तर प्रदेश में इस साल सामान्य से कम बारिश हुई है। मॉनसून सीज़न में भी बारिश कम हुई थी और मॉनसून के बाद भी बारिश में कमी रही। 1 अक्टूबर से 24 दिसंबर के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 79% कम और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 81% कम वर्षा हुई है।
पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ है तथा सुबह के समय उत्तर पश्चिमी तथा उत्तर पूर्वी जिलों में घना कोहरा छाया हुआ है। पिछले 10 दिनों से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर का प्रकोप भी बना हुआ था। अब तापमान में कुछ वृद्धि होगी जिसके कारण शीतलहर का प्रकोप इस सप्ताह नहीं दिखेगा।
इस सप्ताह उत्तर प्रदेश में सभी जगहों पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है। बारिश की संभावना पूरब में वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, जौनपुर से लेकर मध्य में लखनऊ, कानपुर, झाँसी, बरेली और पश्चिम में आगरा, मथुरा, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर समेत सभी जिलों में सूखा रहेगा मौसम। अगले 2 दिनों के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान कुछ गिर सकते हैं जिससे शीतलहर फिर से बढ़ सकती है। 26 और 27 दिसम्बर को आंशिक बादल आ सकते हैं। छिटपुट बूँदाबाँदी भी इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में हो सकती है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। प्याज़ की रोपाई करने के लिए मौसम अभी उपयुक्त है, रोपाई से पहले खेतों में जैविक खाद और और पोटाश उर्वरक देकर खेत ठीक से तैयार करें।
नमी के कारण आलू की फसल में लेट ब्लाइट यानि पाला लगने की आशंका है। लक्षण दिखाई देने पर मैनकोज़ेब 75% डब्ल्यू.पी. 2 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें।
फसलों में खर-पतवारों की निगरानी करते रहें व उत्तपत्ति होने पर खेतों से निकाल कर नष्ट करें। इस समय सब्जियों की फसलों में पत्ती काटने वाले व छेदक कीटों का प्रकोप भी हो सकता है। संक्रमण बढ़ने पर उपचार करें।
Image credit: The Economic Times
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