उत्तर प्रदेश में 10 से 16 दिसम्बर के बीच संभावित मौसम पूर्वानुमान और फसल सलाह
उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है। दिन और रात के तापमान भी अधिकांश जिलों में सामान्य से अधिक बने हुए हैं। हालांकि बरेली और बहराइच जैसे उत्तर पश्चिमी जिलों में दिन के तापमान सामान्य से कुछ कम हैं।
उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी जिलों विशेषकर उत्तराखंड से सटे तराई क्षेत्रों में 11 तथा 12 दिसंबर को छिटपुट बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती हैं। शामली, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली और आसपास के इलाके मुख्यतः प्रभावित हो सकते हैं।
लखनऊ समेत आसपास के इलाकों में भी उस दौरान आंशिक बादल दिखाई दे सकते हैं लेकिन मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। दूसरी ओर प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, वाराणसी, गोरखपुर समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में बारिश के आसार फिलहाल इस सप्ताह भी नहीं हैं। सुबह के समय पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई वाले इलाकों में कोहरा छाने की संभावना है।
13 या 14 दिसंबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जाएगी। जबकि पूर्वी जिलों में तापमान में गिरावट का क्रम 14 तथा 15 दिसंबर से शुरू हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
जिन भागों में मौसम शुष्क रहने के अनुमान हैं वहाँ खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। मौसम में हो रहे बदलावों के कारण फसलों में कीटों और रोगों का प्रकोप इस समय बढ़ सकता है, इसलिए फसलों की नियमित निगरानी करते रहें व उत्तपत्ति होने पर उचित उपाय करें।
सब्जियों तथा अन्य फसलों में दीमक का प्रकोप पाया जा सकता है। इसकी रोकथाम के लिए सिंचाई के पानी के साथ क्लोरोपाइरीफॉस 20 ई.सी. को 4 मि.ली. प्रति लीटर पानी के साथ घोलकर छिड़काव करें।
बैंगन, फूल-गोभी, टमाटर तथा प्याज़ आदि की रोपाई इन दिनों की जा सकती है। सरसों की फसल अगर 30-35 दिन की हो चुकी हो तो पहली सिंचाई शीघ्र करें और फसल में चितकबरे कीट की नियमित निगरानी करते रहें। गेहूं की 20-25 दिन की फसल में भी पहली सिंचाई देने का काम सम्पन्न करें व सिंचाई के 3-4 दिन उर्वरक की शेष मात्रा का उपनिवेशन करें।
Image credit: The Economic Times
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