आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 27 अगस्त से 2 सितंबर के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में इस साल जहां सामान्य से बेहतर मॉनसून वर्षा हुई है वहीं पश्चिमी हिस्सों में मॉनसून की कमजोर का असर अब तक जारी है।
1 जून से 27 अगस्त के बीच पूर्वी प्रदेश में सामान्य से 4% अधिक बारिश हुई है जबक पश्चिमी भागों में इस दौरान 25% की कमी रही है।
फिलहाल इस समय मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर प्रदेश से होकर गुज़र रही है। साथ ही बंगाल की खाड़ी से उठा निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ रहा है। उम्मीद है कि यह सिस्टम उत्तर प्रदेश को अगले 4-5 दिनों के लिए प्रभावित करेगा।
27 अगस्त से बारिश का सिलसिला राज्य के पूर्वी और मध्य भागों से शुरू होगा। धीरे-धीरे बारिश की गतिविधियां बाकी हिस्सों में भी बढ़ जाएंगी।
28 अगस्त से 30 अगस्त के बीच प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ, बांदा, चित्रकूट, आगरा, मेरठ, सहारनपुर, बरेली, सीतापुर, बस्ती, गोंडा समेत कई जगहों पर हल्की से मध्यम मॉनसूनी बौछारें गिर सकती हैं।
30 अगस्त से 2 सितंबर के बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है। जिस तरह की वर्षा इस सप्ताह संभावित है उससे उम्मीद कर सकते हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में वर्षा की भरपाई हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
उर्वरकोण और कीटनशाकों का छिड़काव मौसम अनुकूल रहने पर ही करें। खेत से घास और खरपतवार निकाल कर मौसम अनुकूल होने पर यूरिया खाद छिड़कें।
अरहर में लीफ रोलर (पट्टी मोड़क) कीट की रोकथाम के लिए मौसम साफ होने पर 1 लीटर मोनोक्रोटोफॉस 36 ई.सी. 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़कें।
धान की फसल में जड़ की सूँडी का संक्रमण हो तो 10 किग्रा. फ़्यूराडान 3-जी या 4 किग्रा फोरेट 10-जी प्रति एकड़ मौसम साफ हो जाने पर डालें।
अरहर एवं उड़द में सकरी एवं चैड़ी पत्ती वाले खर-पतवारों के नियंत्रण हेतु इमिजाथापर 1 किग्रा 500 लीटर पानी में मिलकर बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़कें।
मक्के की फसल में यदि फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप दिखाई दें मौसम अनुकूल रहने पर 0.4 ग्राम एमामेकटिन बेन्ज़ोएट प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। गन्ने की फसल से अत्यधिक पानी को निकाल कर मिट्टी चढ़ाएँ।
सोयबीन की फसल में बुवाई के एक महीने बाद निराई-गुड़ाई करके खर-पतवारों को निकालें, यदि आवश्यकता हो तो कुछ समय बाद दोबारा निराई-गुड़ाई करें।
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