
आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश में 13 से 19 अगस्त के बीच कैसा रहेगा मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश पर अब मॉनसून एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। पिछले 12-13 अगस्त को राज्य के अधिकांश भागों में अच्छी वर्षा हुई है। फुरसतगंज, वाराणसी तथा उसके आसपास के पूर्वी जिलों में मध्यम से भारी बारिश हुई है। गोरखपुर, बहराइच, बरेली तथा लखनऊ में भी अच्छी बारिश की गतिविधियां देखी गई है।
उत्तर प्रदेश में इस सप्ताह 15 अगस्त तक कई भागों में अच्छी वर्षा की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। 16 अगस्त से के उत्तरी भागों में वर्षा की गतिविधियों में काफी कमी आ सकती है, परंतु दक्षिणी जिलों में बारिश जारी रहेगी। विषेशरूप से कानपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, प्रयागराज, वाराणसी, प्रतापगढ़, रायबरेली, इटावा और कन्नौज । 18 अगस्त के बाद उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियां काफी कम हो जाएंगी। 13 से 16 अगस्त के बीच होने वाली बारिश से उत्तर प्रदेश में चल रहे वर्षा की कमी में अच्छा सुधार होने की संभावना दिखाई दे रही है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि सिंचाई और छिड़काव अभी न करें। बढ़ती आर्द्रता के कारण फसलों में कई प्रकार के रोग तथा कीटों का प्रकोप हो सकता है, इसके लिए फसलों की नियमित निगरानी करते रहें। खरपतवारों की रोकथाम करें। धान की फसल में अगर तना छेदक कीड़े का प्रकोप दिखाई दे तो क्लोरपाइरीफॉस 20 ई.सी. 2.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से या कारटप 50 डबल्यू.पी. 1 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर साफ मौसम में छिड़काव करें। साथ ही साफ मौसम मिलने पर धान की फसल में रोपाई के 4-5 सप्ताह बाद यूरिया डालें।
मूंग की फसल अगर पीला मोजैक रोग का प्रकोप हो तो डाईमेथोएट 30 ई.सी. या मिथाइल डिमेटोन 25 ई.सी. 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। मूंग और अन्य दलहनी फसलों में पानी का जमाव न होने दें।
मक्के की फसल में बुआई के 45-50 दिन बाद नाइट्रोजन की दूसरी और आखिरी खुराक 87 किग्रा यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से साफ मौसम में डालें। बाजरे की शीघ्र बुआई करें। बैंगन, मिर्ची, अगेती फूल-गोभी और प्याज़ की रोपाई करें। आम, अमरूद लीची, बेल, नींबू, आंवला आदि की बागवानी लगाने के लिए अभी समय उपयुक्त है।
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