[Hindi] उत्तर प्रदेश का साप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान (30 अप्रैल से 6 मई, 2020), किसानों के लिए फसल सलाह

April 30, 2020 12:31 PM | Skymet Weather Team

आइए जानते हैं 30 अप्रैल से 6 मई के बीच कैसा रहेगा उत्तर प्रदेश में मौसम का हाल।

उत्तर प्रदेश में 1 मई को ज़्यादातर जगहों पर मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। 2 मई को उत्तर प्रदेश के पश्चिमी, दक्षिण-पश्चिमी तथा उत्तर-पूर्वी जिलों में बारिश शुरू हो सकती है।

राज्य में 3 से 6 मई के बीच वर्षा की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। उस दौरान पश्चिमी तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की वर्षा जबकि कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है। इस दौरान बारिश की तीव्रता पश्चिमी जिलों में ज्यादा रहने के आसार हैं जबकि पूर्वी जिलों में अनुमान है कि हल्की वर्षा ही देखने को मिलेगी।

इस सप्ताह के शुरुआती दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के शहरों में तापमान में वृद्धि होगी। बांदा, चित्रकूट, कानपुर, आगरा, प्रयागराज सहित दक्षिणी जिलों में तापमान 40 डिग्री के करीब पहुँच जाएगा।

3 मई से बारिश की संभावना को देखते हुए कह सकते हैं बढ़ते तापमान में एक बार फिर से विराम लग जाएगा।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह

आगामी दिनों में वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह है कि मड़ाई मौसम साफ होने की स्थिति में शीघ्र निपटाएं। लेकिन सिंचाई और बुवाई अभी रोक दें। अगर मड़ाई हो चुकी है तो अनाज का सुरक्षित भंडारण करें।

बोई गई गरमा फसलों में जल निकासी का प्रबंध पहले से कर लें ताकि बारिश होने पर जल जमाव से पौधे नष्ट न हों। मौसम साफ हो जाने पर किसान बंधु ग्रीष्म-कालीन हरी खाद की लिए ढेंचा, ग्वार, लोबिया आदि की बुवाई कर सकते हैं। अच्छे अंकुरण हेतु खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें।

आम की फसल को तेज़ और गर्म हवाओं से बचाने के लिए उद्यानों में विंड ब्रेक्स का प्रयोग करें।

भिंडी की फसल में बेहतर उपज के लिए बुवाई के 30 और 45 दिन बाद 1% यूरिया तथा 1% म्यूरेट ऑफ़ पोटाश के मिश्रण का पर्णीय छिड़काव करें।

टमाटर की फसल में यदि फूल झड़ने की समस्या है तो 625 ट्राइकोंटानॉल 500 लीटर पानी में मिलाकर रोपाई के 15 दिन बाद तथा पुष्पन से पहले ऊपर से छिड़काव करें।

15 -20 दिन पहले बोई गई मूँग से खरपतवारों को निकालें क्योंकि यह पौधों से पानी, पोषण लेकर फसल को कमजोर करता है। इसके नियंत्रण के लिए क्यूज़ोलोफोप इथाइल 5 ई.सी. खरपतवारनाशी का 500-600 मि.ली.व्यापारिक पदार्थ प्रति हेक्टर की दर से 500-600 लीटर पानी में मिलाकर बुआई के 15-20 दिनों बाद छिड़काव करें।

Image credit: Deccan Herald

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