उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में लंबे समय से मौसम गर्म और शुष्क बना हुआ है। हालांकि दक्षिण और पश्चिमी भागों में छिटपुट बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं।
इस बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास 17 अप्रैल को आएगा। इसका असर 20 अप्रैल तक बना रहेगा। इसके प्रभाव से, 20 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की वर्षा होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर मध्यम बारिश भी हो सकती है।
19 और 20 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मध्य और पूर्वी जिलों में भी बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इस दौरान दिन के तापमान में कुछ कमी आने की संभावना है।
21 अप्रैल से पूर्वी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क हो जाएगा। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 21 अप्रैल को भी छिटपुट बारिश जारी रहने की संभावना है। 22 अप्रैल से समूचे राज्य में मौसम शुष्क हो जाने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
इस सप्ताह में वर्षा के अनुमान को देखते हुए किसान बंधु को सुझाव है कि कटाई और गहाई की गतिविधियों यदि जारी हैं तो उन्हें जल्द निपटाएं।
कोविड-19 (कोरोना वाइरस) के प्रकोप को देखते हुए कृषि गतिविधियों को अंजाम देते समय सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। मास्क पहने या गमछे से मुंह और नाक को ठीक से बांध कर रखें।
साबुन से नियमित हाथ धोते रहें। एक-दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें। चेहरे, आँख व नाक को हाथ से छूने से बचे। हाथ से उपयोग होने वाले औजारों को नियमित धोते रहें।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अब तक तापमान सामान्य से कम चल रहा था इसलिए गेहूं की फसल के पकने देरी हुई। ऐसे में अगर गेहूं की कटाई में एक कुछ विलंब हो रहा है तो उससे खास नुकसान नहीं होगा।
गेहूं की कटाई के बाद कम अवधि वाली मूंग की फसल लगाई जा सकती है।
गन्ने की फसल में यदि दीमक का प्रकोप पाया जा रहा हो तो गामा बी.एच.सी. 3.75 लीटर प्रति हेक्टर सिंचाई के पानी के साथ दें।
Image credit: The National
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