उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में 26 फरवरी तक अच्छी बारिश दर्ज की गई। 27 फरवरी से समूचे राज्य में मौसम साफ और शुष्क हो गया है। बारिश का अगला दौर उत्तर प्रदेश में 29 फरवरी से दिखेगा। शुरुआत पश्चिमी हिस्सों से होगी उसके बाद राज्य के मध्य और कुछ पूर्वी जिलों में 1 मार्च तक बारिश देखने को मिल सकती है।
हमारा अनुमान है कि कश्मीर पर आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। मेरठ, लखनऊ, कानपुर और नजीबाबाद सहित कई शहरों में यह बारिश देखने को मिल सकती है।
2 मार्च, सोमवार से एक बार फिर राज्य में मौसम शुष्क हो जाएगा। इसके बाद, अगले कुछ दिनों तक राज्य के किसी भी हिस्से में बारिश होने की संभावना कम है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए फसल सलाह
इस सप्ताह भी कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना के चलते किसानों को सुझाव है कि इस दौरान सिंचाई और छिड़काव जैसी गतिवधियों को रोक दें। इस बात का खास ध्यान रखें की खेतों में पानी का जमाव न हो। मौसम साफ हो जाने पर पक चुकी फसलों की कटाई दानो की नमी अनुकूल हो जाने पर तुरंत करें।
आलू की फसल की खुदाई करने के बाद खराब या सड़े-गले आलू को छाँट कर अलग कर दें। साफ-सुथरे आलू का भंडारण ठंडे, सूखे तथा हवादार स्थानों पर करें। आलू भंडारण के पहले भंडार स्थल को मैलाथियान 50% तरल दवा 10 मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें।
प्याज की समय से बोयी गई फसल में थ्रिप्स के प्रकोप की निगरानी करते रहें। इसका प्रकोप होने पर कानफीड़ोर को आधा मिली प्रति 3 लीटर पानी की दर से टीपोल जैसे किसी चिपकने वाले पदार्थ में मिलाकर साफ मौसम में छिड़काव करें।
टमाटर, बैंगन व अन्य सब्जियों में छेदक कीटों का प्रकोप हो सकता है, इसलिए फसलों की नियमित निगरानी करते रहें। फसलों की कटाई के बाद खेतों को आगामी फसलों के लिए तैयार करें व उचित उर्वरकों के उपयोग के लिए मृदा परीक्षण करवाएँ।
Image credit: Asia Nikkei
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