अगले 48 घंटों के दौरान यानि 1 और 2 मार्च को राजस्थान के ज़्यादातर जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। हालांकि उत्तर और पूर्वी हिस्सों में खासकर जयपुर, अलवर शीकर, भरतपुर, झुञ्झुनु में छिटपुट बारिश हो सकती है। जबकि कोटा, सवाई माधोपुर, उदयपुर, झालावाड़, जैसलपुर, बीकानेर, गंगानगर, चुरू, फलोदी समेत बाकी हिस्सों में 4 मार्च तक मौसम शुष्क रहेगा।
4-5 मार्च से राजस्थान के कई इलाकों में बारिश
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ 3 या 4 मार्च उत्तर भारत में आएगा। इसके प्रभाव से राजस्थान पर एक मौसमी सिस्टम विकसित होगा जिसके चलते को राजस्थान के उत्तरी भागों में 4 मार्च को बारिश हो सकती है। 5 मार्च को राजस्थान के मध्य भागों पर भी बारिश संभव है। 6 मार्च यानि शुक्रवार तक बारिश जारी रहेगी। 7 मार्च से राजस्थान में मौसम सभी जगहों पर साफ हो जाएगा।
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राज्य के दक्षिणी हिस्सों में इस पूरे हफ्ते यानि 1 मार्च से 7 मार्च के बीच मौसम पूरी तरह से शुष्क बना रहेगा। उदयपुर समेत दक्षिणी और पश्चिमी शहरों में दिन के तापमान में वृद्धि होगी। कई जगहों पर पारा 35 से 38 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया जा सकता है।
राजस्थान के किसानों के लिए फसल सलाह
कई स्थानों पर बढ़ते तापमान के चलते चने के पौधों की जड़ों में फफूंद का प्रकोप हो सकता है। इसके नियंत्रण के लिए 3 ग्राम एंटराकोल 70 डब्ल्यू पी प्रति लीटर पानी में घोलकर मोटी फुहार बनाकर पौधों की जड़ों के पास छिड़काव करें। 10-12 दिन बाद यही छिड़काव पुनः दोहराएँ।
जीरे की फसल में फूल आने के बाद अगर बादल छाए रहते हैं तो झुलसा रोग का लगना लगभग निश्चित होता है। इस रोग के प्रकोप से पौधों के सिरे झुके हुए नजर आते हैं और यह तेजी से फैलता भी है। इसके नियंत्रण के लिए, रोग के लक्षण दिखाई देते ही डाईफनोकोना जोर की 0.5 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें तथा दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद दोहराएँ।
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