इस सप्ताह राजस्थान के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क और सुहावना रहने की संभावना है। ज़्यादातर जगहों पर आसमान साफ रहने के कारण धूप का प्रभाव बढ़ेगा जिससे दिन के तापमानों में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। हालांकि 18 फरवरी यानि मंगलवार से ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं के बढ़े प्रभाव के कारण रात के तापमान में कुछ स्थानों पर 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है।
राजस्थान में 1 जनवरी से 15 फरवरी के बीच हुई बारिश के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पूर्वी राजस्थान में इस दौरान सामान्य से 62% कम 2.6 मिमी बारिश हुई है। जबकि पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से 29% ज़्यादा 7.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। यानि जयपुर, कोटा, सवाईमाधोपुर, सीकर, अलवर के मुक़ाबले बीकनर, जैसलमर, जोधपुर, बाड़मेर में अधिक वर्षा हुई है।
फिलहाल राज्य के सभी भागों में आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा और बसंत ऋतु के आगमन के साथ तापमान बढ़ता जाएगा और गर्मी अपना असर दिखाएगी।
किसानों के लिए फसल सलाह
गेंहू की फसल की वृद्धि के लिए वर्तमान मौसम अनुकूल है। इस अवस्था में पोशाक तत्वों की प्रचुर मात्रा में आवश्यकता होती है। यदि इस अवस्था में पौधों की पत्तियों के बीच की नस के पास से समानांतर पीली धारियां पड़ने लग जाएँ, तो यह जिंक की कमी के लक्षण हो सकते हैं। इसकी रोकथाम के लिए गेंहू की फसल में 6 किग्रा कमर्शियल ग्रेड जिंक सल्फेट और 3 किग्रा बुझा हुआ चूना, आधा लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
इस बीच राजस्थान में पश्चिम दिशा से आए थर्ड इन्स्टार होप्पर (टिड्डियों) पर किसान विभाग के सहयोग से काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है। लेकिन आने वाले समय में तापमान में वृद्धि होने पर होप्पर की संख्या बढ़ सकती है। किसान इनके नियंत्रण के लिए तैयार रहें और उचित प्रबंध करके रखें। जो फसलें पक चुकी है, उनकी तुरंत कटाई करें। आगामी फसलों के लिए खेतों की तैयारी शुरू की जा सकती है।
Image credit: Zee News
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